मणिपुर हिंसा: हथियारबंद भीड़ ने सैनिक के परिजनों समेत पांच जनजातीय लोगों का अपहरण किया

मणिपुर के कांगपोकपी ज़िले के कांगचुप चिंगखोंग गांव के पास एक सुरक्षा चौकी पर हथियारबंद भीड़ ने कुकी-ज़ोमी समुदाय के पांच सदस्यों का अपहरण कर लिया. इनमें से चार एक सैनिक के परिजन हैं. घटना में घायल सैनिक के 65 वर्षीय पिता को सुरक्षा बलों ने बचा लिया, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/@manipur_police)

मणिपुर के कांगपोकपी ज़िले के कांगचुप चिंगखोंग गांव के पास एक सुरक्षा चौकी पर हथियारबंद भीड़ ने कुकी-ज़ोमी समुदाय के पांच सदस्यों का अपहरण कर लिया. इनमें से चार एक सैनिक के परिजन हैं. घटना में घायल सैनिक के 65 वर्षीय पिता को सुरक्षा बलों ने बचा लिया, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/@manipur_police)

नई दिल्ली: छह महीने से जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में मंगलवार सुबह कुकी-ज़ोमी समुदाय के पांच सदस्यों का कुकी-ज़ोमी-प्रभुत्व वाले कांगपोकपी और मेईतेई -प्रभुत्व वाले इंफाल पश्चिम जिले की सीमा से अपहरण कर लिया गया था.

रिपोर्ट के अनुसार, अपहृत पांच लोगों में से चार की पहचान एक सैनिक के परिजनों के तौर पर हुई है. अपहरण में शामिल हथियारबंद लोगों के साथ गोलीबारी के बाद सुरक्षा बलों ने अपहृत व्यक्तियों में से एक को बचा लिया.

बताया गया है कि दो पुलिसकर्मियों समेत कम से कम नौ लोगों को चोटें आई हैं. मंगलुन हाओकिप (65), जिन्हें अपहरणकर्ताओं से बचाया गया, वे सैनिक के पिता हैं. उन्हें कई चोटें आईं हैं और गंभीर हालत में लीमाखोंग के सैन्य अस्पताल में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

पुलिस के मुताबिक, मंगलवार शाम तक अन्य लोगों के बारे में कोई सुराग नहीं था. कुकी-ज़ोमी समुदाय संगठनों ने कहा कि लापता लोगों में दो महिलाएं- जिनकी उम्र 60 और 55 साल, दो पुरुष, जिनकी उम्र 40 और 25 साल है, शामिल हैं. हथियारबंद लोगों ने सुबह 8:45 बजे के आसपास कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम की सीमा से लगे कांगचुप चिनखोंग के करीब से अपहरण किया.

द हिंदू ने एक सूत्र के हवाले से बताया है, ‘घटना की सूचना मंगलवार सुबह कांगचुप चिंगखोंग गांव में मिली जब एक बोलेरो कार में सवार पांच नागरिकों को एक सुरक्षा जांच चौकी पर रोका गया. जल्द ही एक भीड़ आई और दो महिलाओं समेत चार लोगों का अपहरण कर लिया. वहां तैनात केंद्रीय सुरक्षा बल उनमें से केवल एक को ही बचा सके.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने आरोप लगाया कि अपहरण के पीछे मेईतेई कट्टरपंथी समूह अरामबाई तेंगगोल का हाथ है. फोरम ने केंद्रीय सुरक्षा बलों से तलाशी अभियान शुरू करने का आग्रह करते हुए कहा कि ‘उन्हें डर है कि वे (अपहृत लोग) मारे गए होंगे या उन्हें प्रताड़ित किया गया होगा.’

आईटीएलएफ ने कहा कि पांच नागरिक एल. फ़ैजंग गांव की ओर जा रहे थे, तभी बंदूकधारियों ने उन पर हमला कर दिया. उसके बाद हाथापाई में बोलकोट गांव के 65 वर्षीय मंगलुन हाओकिप घायल हो गए और बेहोश हो गए. हमलावर उन्हें मृत समझकर छोड़ गए. बाद में सीआरपीएफ कर्मियों ने उसे ढूंढ लिया और लीमाखोंग पहुंचाया. उनकी चोटों की गंभीरता के कारण उन्हें पड़ोसी राज्य में ले जाया गया है.’

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में मणिपुर में दो अलग-अलग घटनाओं में छह लोगों का अपहरण किया गया है.

पांच नवंबर को इसी इलाके में मेईतेई समुदाय के दो किशोर लड़के लापता हो गए थे. वे दोनों मोटरसाइकिल पर सवार थे और एक दोस्त से मिलने जा रहे थे, जब कांगपोकपी में उनका अपहरण कर लिया गया.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने सोमवार को कहा कि उक्त घटना के सिलसिले में कांगपोकपी से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है.

दो लड़कों के अपहरण के बाद घाटी में फिर से तनाव व्याप्त हो गया है. इनकी पहचान 16 वर्षीय मैबाम अविनाश और 19 वर्षीय निंगथौजम एंथोनी के रूप में हुई है, जो रविवार सुबह एक समारोह में भाग लेने के लिए इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई क्षेत्र जा रहे थे, जिसके बाद वे लापता हो गए.