एस दुर्गा को लेकर केंद्र सरकार गई हाईकोर्ट, अदालत ने रोक लगाने से इनकार किया

एस दुर्गा के निर्देशक ने प्रदर्शन की तारीख के लिए आईएफएफआई को पत्र लिखा, अभिनेता ने कहा कि कोई जवाब नहीं मिला.

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एस दुर्गा के निर्देशक ने प्रदर्शन की तारीख के लिए आईएफएफआई को पत्र लिखा, अभिनेता ने कहा कि कोई जवाब नहीं मिला.

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फोटो: पीटीआई

कोच्चि/पणजी: केरल उच्च न्यायालय ने गोवा में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह (आईएफएफआई) के पैनोरमा खंड में मलयालम फिल्म एस दुर्गा को दिखाने के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एंटनी डॉमिनिक और न्यायमूर्ति ए मोहम्मद मुश्ताक की खंडपीठ ने केंद्र की याचिका को स्वीकार करते हुए एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि इस फिल्म को हालांकि ज्यूरी ने चुना है लेकिन इसके पास पैनोरमा नियामक के लिए जरूरी वह छूट हासिल नहीं है जो कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की ओर से किसी तरह का प्रमाणपत्र नहीं मिलने की सूरत में जरूरी होता है.

गौरतलब है कि यह फिल्म लिफ्ट लेकर यात्रा करने वाले दंपति के भयानक अनुभव से लोगों को रूबरू कराती है. फिल्म निर्माता एस कुमार शशीधरन ने इस फिल्म को एक अन्य फिल्म न्यूड के साथ फिल्मोत्सव में भारतीय पैनोरमा खंड से हटाए जाने के बाद अदालत का रुख किया था.

याचिकाकर्ता के अनुसार सूचना प्रसारण मंत्रालय की 13 सदस्यीय ज्यूरी का फैसले को पलटने और दो फिल्मों को वापस लेने का निर्णय असंवैधानिक है.

निर्देशक अभिनेता ने लगाया नज़रअंदाज़ करने का आरोप

फिल्म एस दुर्गा के निर्देशक सनल कुमार शशिधरन ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के निदेशक सुनीत टंडन को पत्र लिखकर उनसे उनकी फिल्म की स्क्रीनिंग की तारीख तय करने का आग्रह किया.

उधर इसके मुख्य अभिनेता कन्नान नायर ने कहा कि आईएफएफआई अधिकारियों ने अब तक उन्हें जवाब नहीं दिया और उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं. एक दंपति के अनुभव पर आधारित इस फिल्म और मराठी फिल्म न्यूड को महोत्सव के 48वें संस्करण के पैनोरेमा सेक्शन से बाहर कर दिया गया था.

शशिधरन ने सूचना प्रसारण मंत्रालय के फिल्म को महोत्सव से निकालने के फैसले को केरल उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. अदालत ने हाल में उनके पक्ष में फैसला सुनाया था और मंत्रालय को इस फिल्म का महोत्सव में प्रदर्शन करने का निर्देश दिया था. नायर ने टंडन को पत्र के साथ अदालत का आदेश सौंपा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)