उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि ज़िले के सरदार नगर इलाके में जुए की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम वहां पहुंची थी. इस दौरान एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में दम तोड़ दिया. शख़्स के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस की पिटाई से उनकी मौत हुई है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पुलिस निरीक्षण के दौरान ‘भगदड़ जैसी स्थिति’ बनने और इस दौरान एक व्यक्ति की मौत की घटना को लेकर विभाग के वरिष्ठों को सूचित करने में विफल रहने के बाद पुलिस चौकी प्रभारी सहित सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
बीते शुक्रवार (10 नवंबर) को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मियों को अनुशासनहीनता और लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया. वहीं, शख्स के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस की पिटाई से उनकी मौत हुई है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बरेली जिले के सरदार नगर इलाके में जुए की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम निरीक्षण कर रही थी.
गुरुवार (9 नवंबर) को हुई घटना में संतोष कुमार (46 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें बरेली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस ने बताया कि शुक्रवार शाम को उन्होंने दम तोड़ दिया.
बरेली के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) मुकेश चंद्र मिश्रा ने कहा कि संतोष कुमार के परिवार के सदस्यों ने भमौरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है कि सरदार नगर चौकी के कर्मचारियों द्वारा पिटाई के बाद उनकी मौत हो गई.
मिश्रा ने कहा कि पोस्टमॉर्टम और घटनास्थल की जांच के बाद परिवार के सदस्यों की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि गुरुवार रात को आलमपुर जाफराबाद गांव के बाहर जुए की गतिविधियों की सूचना मिलने पर सरदार नगर के चौकी प्रभारी टिंकू कुमार और छह अन्य लोगों के नेतृत्व में एक पुलिस टीम मौके पर पहुंची.
एसपी मिश्रा ने बताया कि जब पुलिस टीम पहुंची तो जुआरी भागने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, जिसमें एक व्यक्ति (संतोष कुमार) गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे इलाज के लिए नारायणा अस्पताल भेजा गया. उन्होंने आगे कहा कि हालांकि पुलिस टीम ने इस घटना के बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित नहीं किया.
पुलिस ने कहा कि इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सब-इंस्पेक्टर टिंकू कुमार, हेड कॉन्स्टेबल पुष्पेंद्र राणा और मनोज कुमार, कॉन्स्टेबल अंकित कुमार, दीपक कुमार, सत्यजीत सिंह और मोहित कुमार को लापरवाही, कदाचार और वरिष्ठ अधिकारियों को घटना के बारे में सूचित नहीं करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया.
पुलिस ने बताया कि पूरी घटना की जांच पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) को सौंप दी गई है और मामले में आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है.