गुजरात: ख़ुद को सीएमओ में अधिकारी बताने वाला व्यक्ति पुलिस को चकमा देकर फ़रार

ख़ुद को गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) का अधिकारी बताने वाले आरोपी विराज पटेल को बीते अप्रैल महीने में गिरफ़्तार किया गया था. वहा वडोदरा सेंट्रल जेल में बंद था और उसे मुंबई की एक महिला से कथित बलात्कार के मामले में 10 नवंबर को सत्र अदालत में पेश किया गया था, इसी दौरान वह फ़रार हो गया.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर)

ख़ुद को गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) का अधिकारी बताने वाले आरोपी विराज पटेल को बीते अप्रैल महीने में गिरफ़्तार किया गया था. वहा वडोदरा सेंट्रल जेल में बंद था और उसे मुंबई की एक महिला से कथित बलात्कार के मामले में 10 नवंबर को सत्र अदालत में पेश किया गया था, इसी दौरान वह फ़रार हो गया.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: खुद को गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) का अधिकारी बताने और एक मॉडल से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया एक व्यक्ति वडोदरा की एक अदालत परिसर में पुलिस को चकमा देकर पुलिस हिरासत से भाग गया. पुलिस ने रविवार (12 नवंबर) को यह जानकारी दी.

यह घटना तब हुई जब वडोदरा सेंट्रल जेल में बंद आरोपी ठग विराज पटेल का मुंबई की एक महिला से कथित बलात्कार के मामले में बीते 10 नवंबर को सत्र अदालत में पेश किया गया था. इस दौरान विराज अपने साथ ले जा रहे पुलिस दल को चकमा देकर न्यायालय परिसर से भाग गया.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, विराज पटेल को अप्रैल में धोखाधड़ी, जालसाजी, बलात्कार और लोक सेवक के रूप में एक विशेष पद पर रहने का दिखावा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वह विचाराधीन कैदी के तौर पर वडोदरा सेंट्रल जेल में बंद था.

पुलिस ने पहले कहा था कि उसने खुद को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) का अध्यक्ष भी बताया था.

पटेल को सुनवाई के लिए शुक्रवार (10 नवंबर) को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एमएन सैय्यद की अदालत में ले जाया गया था. गोत्री पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने शुक्रवार रात दर्ज एक एफआईआर के हवाले से कहा कि वह एक हेड कॉन्स्टेबल को चकमा देकर भागने में सफल रहा, जिसे उसकी हिरासत का प्रभार दिया गया था.

अधिकारी ने कहा कि पटेल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 224 (किसी व्यक्ति द्वारा उसकी कानूनी गिरफ्तारी में प्रतिरोध या बाधा डालने के लिए) के तहत ताजा एफआईआर दर्ज की गई है और उसे गिरफ्तार करने के प्रयास चल रहे थे.

पटेल को अप्रैल में शहर के एक मल्टीप्लेक्स में किसी व्यक्ति के साथ झगड़े के बाद पुलिस स्टेशन लाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था. उसके साथ उसकी गर्लफ्रेंड भी थी.

उसने पुलिस को बताया था कि वह सीएमओ में एक अधिकारी के रूप में काम करता है.

जब पुलिस ने उसकी पहचान की जांच की, तो पता चला कि उसने अपने पैन कार्ड पर एक अलग सरनेम का इस्तेमाल किया था, जबकि उसके आधार कार्ड पर कोई सरनेम नहीं बताया गया था.

पुलिस ने पहले कहा था कि पूछताछ के दौरान पटेल ने खुलासा किया कि वह न तो सीएमओ में काम कर रहा है और न ही गिफ्ट सिटी का अध्यक्ष है.

उन्होंने बताया कि उसकी असली पहचान सामने आने के बाद उसके साथ आई मुंबई की मॉडल ने दावा किया कि उसने गिफ्ट सिटी के ब्रांड एंबेसडर के रूप में नौकरी देने के बहाने 8 अप्रैल से उसके साथ कई बार बलात्कार किया और उससे शादी करने का वादा किया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद वडोदरा शहर पुलिस ने विराज के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज कीं. पुलिस द्वारा स्वत: संज्ञान से दर्ज की गई पहली एफआईआर में विराज पर आईपीसी की धारा 170 (एक लोक सेवक के रूप में पद धारण करने का दिखावा करना), 417 (धोखाधड़ी के लिए सजा), 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के इरादे से किसी दस्तावेज की जालसाजी) और 471 (बेईमानी से जाली दस्तावेज का उपयोग करना) के तहत मामला दर्ज किया था.

महिला की शिकायत के आधार पर दूसरी एफआईआर में उन पर आईपीसी की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी), और 376 (2) (एन) (एक ही महिला से बार-बार बलात्कार) के तहत मामला दर्ज किया गया था.