म्यांमार के शरणार्थियों के मिज़ोरम पहुंचने को भारत ने ‘चिंता का विषय’ बताया

पिछले महीने से म्यांमार सेना को तीन जातीय सशस्त्र बलों के गठबंधन से एक बड़े समन्वित हमले का सामना करना पड़ा है. भारतीय सीमा के पास भी तीव्र संघर्ष देखा गया. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 5,000 से अधिक शरणार्थी सीमा पार कर गए हैं.

(फोटो: गूगल मैप)

पिछले महीने से म्यांमार सेना को तीन जातीय सशस्त्र बलों के गठबंधन से एक बड़े समन्वित हमले का सामना करना पड़ा है. भारतीय सीमा के पास भी तीव्र संघर्ष देखा गया. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 5,000 से अधिक शरणार्थी सीमा पार कर गए हैं.

(फोटो: गूगल मैप)

नई दिल्ली: विद्रोहियों और जुंटा के बीच भारी संघर्ष के बाद शरण लेने के लिए म्यांमार के सैकड़ों लोगों के सीमा पार करने पर भारत ने गुरुवार (16 नवंबर) को कहा कि वह ‘बेहद चिंतित’ है और ‘सार्थक बातचीत’ के जरिये हिंसा खत्म करना चाहता है.

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने से म्यांमार सेना को तीन जातीय सशस्त्र बलों के गठबंधन से एक बड़े समन्वित हमले का सामना करना पड़ा है. इसके चलते विद्रोहियों ने कई कस्बों और सुरक्षा चौकियों पर कब्जा कर लिया था.

पिछले कुछ दिनों में भारतीय सीमा के पास भी तीव्र संघर्ष देखा गया है. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 5,000 से अधिक शरणार्थी सीमा पार कर गए हैं.

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को स्वीकारा कि संघर्ष के चलते सीमा पार नागरिकों का पलायन हुआ है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा, ‘म्यांमार के चिन राज्य में मिजोरम में भारत-म्यांमार सीमा के ज़ोखावथर क्षेत्र के सामने रिखावादर क्षेत्र के बीच हुए संघर्ष के परिणामस्वरूप म्यांमार के नागरिकों की भारतीय सीमा में आवाजाही देखी गई है.’

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत संघर्ष को लेकर चिंतित है और वह इसका अंत चाहेगा.

बागची ने कहा, ‘हम अपनी सीमा के नजदीक ऐसी घटनाओं से बेहद चिंतित हैं। म्यांमार में मौजूदा स्थिति पर हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है। हम हिंसा की समाप्ति और सार्थक बातचीत के माध्यम से स्थिति का समाधान चाहते हैं.’

उन्होंने कहा कि भारतीय राज्यों में अधिकारी ‘मानवीय आधार पर स्थिति को उचित रूप से संभाल रहे हैं.’

उन्होंने दोहराया कि भारत ने ‘म्यांमार में शांति, स्थिरता और लोकतंत्र की वापसी’ का आह्वान किया है और 2021 में मौजूदा संघर्ष की शुरुआत के बाद से म्यांमार के नागरिकों ने भारत में शरण ले रखी है.

हालांकि, उन्होंने सैन्य शिविर पर विद्रोहियों द्वारा कब्ज़ा करने के बाद म्यांमार के सैनिकों के मिज़ोरम में प्रवेश करने के मुद्दे पर विशेष रूप से चर्चा नहीं की.

समाचार एजेंसियों के अनुसार, 70 से अधिक म्यांमार सैनिक अपने हथियारों के साथ भारत में भाग आए थे, जिन्हें फिर स्थानीय पुलिस ने भारतीय रक्षा अधिकारियों को सौंप दिया था.

बागची ने यह भी जोड़ा कि भारत उन लोगों को वापसी की सुविधा प्रदान कर रहा है जो म्यांमार वापस जाना चाहते हैं.

रॉयटर्स के मुताबिक, लड़ाई शांत होने के बाद 5,000 शरणार्थियों में से ज्यादातर घर लौट गए हैं. चिन विद्रोही बलों ने कथित तौर पर भारत के साथ लगती ज़ोखावथर सीमा पर नियंत्रण कर लिया है.

इस लड़ाई को जुंटा के सामने सबसे बड़ी चुनौती बताया जा रहा है, जिसने फरवरी 2021 में म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंका था.

इससे पहले बुधवार को जुंटा के प्रवक्ता ज़ॉ मिन तुन ने कहा कि सेना पूर्वोत्तर में शान राज्य, पूर्व में काया राज्य और पश्चिम में रखीन राज्य में ‘बड़ी संख्या में सशस्त्र विद्रोही सैनिकों के भारी हमलों’ से जूझ रही है.