सत्ता संभालने के एक दिन बाद मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत से अपनी सेना वापस बुलाने को कहा

मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने भारत से किए गए एक आधिकारिक अनुरोध में अपने सैनिकों को वापस बुलाकर मालदीव के लोगों की ‘लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान’ करने के लिए कहा है. मुइज़्ज़ू ने यह अनुरोध भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू के साथ एक बैठक में किया था. भारत की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू (दाएं से दूसरे) के साथ मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू (दाएं). (फोटो साभार: ट्विटर/@KirenRijiju)

मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने भारत से किए गए एक आधिकारिक अनुरोध में अपने सैनिकों को वापस बुलाकर मालदीव के लोगों की ‘लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान’ करने के लिए कहा है. मुइज़्ज़ू ने यह अनुरोध भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू के साथ एक बैठक में किया था. भारत की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू (दाएं से दूसरे) के साथ मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू (दाएं). (फोटो साभार: ट्विटर/@KirenRijiju)

नई दिल्ली: शपथ लेने के एक दिन बाद मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने भारत से आधिकारिक तौर पर अपने सैनिकों को वापस बुलाकर मालदीव के लोगों की ‘लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान’ करने के लिए कहा है.

इस अनुरोध की जानकारी बीते शनिवार (18 नवंबर) को राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा दी गई.

राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने यह अनुरोध भारतीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू के साथ अपनी बैठक में किया था, जिन्होंने राष्ट्रपति कार्यालय में उनसे मुलाकात की थी. रिजिजू बीते शुक्रवार (17 नवंबर) को मुइज़्ज़ू के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे.

जहां मालदीव के राष्ट्रपति के कार्यालय ने इस अनुरोध की जानकारी सार्वजनिक रूप से दे दी है, वहीं भारतीय पक्ष की ओर से इस मुद्दे पर आधिकारिक चुप्पी है.

मुलाकात के बाद रिजिजू द्वारा सोशल साइट एक्स पर एक पोस्ट में केवल यह कहा गया कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उन्हें (मुइज़्ज़ू) शुभकामनाएं दीं और ‘पर्याप्त द्विपक्षीय सहयोग और लोगों से लोगों के संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई’.

मालदीव की राजधानी माले से फोन पर द वायर से बात करते हुए राष्ट्रपति कार्यालय में रणनीतिक संचार मंत्री इब्राहिम खलील ने कहा कि मुइज़्जू के चुनाव जीतने के तुरंत बाद उन्होंने भारतीय सैनिकों के मुद्दे पर भारतीय उच्चायुक्त के साथ बातचीत शुरू कर दी थी.

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने अब भारतीय मंत्री के साथ बैठक में औपचारिक रूप से भारत से सेना वापस बुलाने का अनुरोध किया है.’

यह कहते हुए कि बैठक ‘बहुत सकारात्मक’ रही, खलील ने उन चिंताओं को खारिज कर दिया कि इस अनुरोध से भारत-मालदीव संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘दोनों देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं’.

मालदीव ने सबसे पहले धिवेही भाषा में एक संक्षिप्त प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी. इसमें बताया गया था कि मुइज़्ज़ू ने औपचारिक रूप से भारतीय जवानों की वापसी के लिए अनुरोध किया है.

इसके विपरीत अंग्रेजी भाषा की प्रेस विज्ञप्ति अधिक विस्तृत थी और इसमें भारतीय हेलिकॉप्टरों के संचालन की प्रशंसा भी शामिल थी.

इसमें कहा गया है, ‘राष्ट्रपति ने कहा कि सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में मालदीव के लोगों ने उन्हें भारत से अनुरोध करने के लिए एक मजबूत जनादेश दिया था और उम्मीद जताई कि भारत मालदीव के लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान करेगा.’

मुइज़्ज़ू ने ‘कई आपातकालीन चिकित्सा निकासी प्रदान करने में दो हेलीकॉप्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी स्वीकार किया’.

हालांकि भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन भारतीय सूत्रों ने संकेत दिया कि भारत ने अपने सैन्यकर्मियों की वापसी की मांग पर एक सौहार्दपूर्ण रुख अपनाया है, जो ‘चिकित्सा निकासी और नशीली दवाओं की तस्करी विरोधी उद्देश्यों के लिए विमान संचालन के लिए मालदीव में मौजूद हैं’.

इस मामले पर भारत की प्रतिक्रिया के बारे में सूत्रों ने कहा, ‘इस बात पर सहमति हुई कि दोनों सरकारें इन प्लेटफार्मों के उपयोग के माध्यम से निरंतर सहयोग के लिए व्यावहारिक समाधानों पर चर्चा करेंगी, क्योंकि यह मालदीव के लोगों के हितों की पूर्ति करता है.’

भारतीय सूत्रों ने मालदीव के नागरिकों की चिकित्सा निकासी (Medical Evacuation) में भारतीय हेलीकॉप्टरों और विमानों की भूमिका के लिए मुइज़्ज़ू की सराहना पर भी प्रकाश डाला.

मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स ने अपने आधिकारिक एकाउंट पर भारत द्वारा उपहार में दिए गए डोर्नियर (विमान) का उपयोग करके हासिल की गई नवीनतम चिकित्सा निकासी के बारे में पोस्ट किया था, जिसे भारतीय आधिकारिक स्रोतों द्वारा भी रेखांकित किया गया था.

उन्होंने आगे कहा, ‘वे इस विश्वास के केंद्र में भी हैं कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटक सुदूर द्वीपों पर ठहरते हैं. उन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी की निगरानी और मुकाबला करने में उनकी भूमिका की सराहना की.’

इससे पहले शनिवार दिन में मालदीव के नए विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने रिश्ते को ‘पुनर्गठन’ करने की आवश्यकता का जिक्र करते हुए अपने भारतीय समकक्ष के बधाई संदेश का जवाब दिया.

उन्होंने एक्स पर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को जवाब दिया, ‘मैं आपसी हित और चिंता के मुद्दों पर आपके साथ काम करने और हमारे लोगों की भलाई के लिए हमारे दोनों देशों के बीच समय-परीक्षणित संबंधों को फिर से व्यवस्थित करने और आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हूं.’

एक महीने से अधिक समय पहले मुइज़्ज़ू ने निवर्तमान राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह को एक चुनाव अभियान के बाद, जो काफी हद तक भारत को कथित तौर पर हिंद महासागर के इस द्वीपसमूह देश में तैनात अपने सैनिकों को वापस लेने के लिए मजबूर करने की प्रतिबद्धता पर केंद्रित था, आसानी से हरा दिया था.

विपक्ष के अभियान का मूलमंत्र ‘इंडिया आउट’ का नारा रहा था, जिसमें सोलिह को भारत के साथ उनके कथित करीबी संबंधों के लिए घेरने का प्रयास किया गया था.

बीते शुक्रवार को चैनल न्यूज एशिया के साथ एक साक्षात्कार में नए राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने कहा था कि मालदीव की विदेश नीति को रीसेट करना उनकी सरकार के पहले 100 दिनों में उनकी प्राथमिकताओं में से एक होगा.

उन्होंने यह दोहराया था कि देश से भारतीय सैनिकों की वापसी उनके एजेंडे में सबसे ऊपर होगी.

उन्होंने सिंगापुर स्थित समाचार चैनल से कहा, ‘मालदीव के लोगों ने इस अभियान के दौरान बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने मुझे मालदीव से विदेशी सैन्य उपस्थिति हटाने का जनादेश दिया है. चाहे वह भारत हो या कोई अन्य देश, इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता.’

यह पहली बार नहीं है कि मालदीव के किसी राष्ट्रपति ने भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए कहा है.

जून 2018 में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने भारत द्वारा उपहार में दिए गए दो उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों के अनुबंध को नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया था और भारतीय सुरक्षाकर्मियों को हटाने का आह्वान किया था.

यामीन प्रशासन के तहत भारत और मालदीव के बीच संबंध पहले ही खराब हो चुके थे, लेकिन भारत द्वारा अपने कर्मचारियों को वापस बुलाने की मांग पूरी नहीं की गई.

कुछ महीने बाद यामीन संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार इब्राहिम सोलिह से चुनाव हार गए. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर 2018 में सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे.

सोलिह प्रशासन के तहत भारत ने कई प्रमुख परियोजनाओं को वित्तपोषित किया है, जिसमें ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट भी शामिल है, जिसे मालदीव में सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा विकास परियोजना के रूप में जाना जाता था.

मालदीव की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने ‘ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (जीएमसीपी) में तेजी लाने के महत्व को भी रेखांकित किया, परियोजना में देरी करने वाले मुद्दों को संबोधित करने और उन पर काबू पाने के महत्व पर प्रकाश डाला’.

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