एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पंजाब पुलिस ने बीते 8 नवंबर से पराली जलाने पर किसानों के ख़िलाफ़ 932 एफआईआर दर्ज की हैं, जबकि 7,405 मामलों में 1.67 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. पराली जलाने पर 340 किसानों के राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है. पुलिस ने किसानों से सहयोग करने और पराली न जलाने का आह्वान किया है.
नई दिल्ली: एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार (19 नवंबर) को कहा कि पंजाब पुलिस ने 8 नवंबर से पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ 932 एफआईआर दर्ज की हैं, जबकि 7,405 मामलों में 1.67 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेष पुलिस महानिदेशक अर्पित शुक्ला ने बताया कि पराली जलाने पर 340 किसानों के राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है.
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब पुलिस के ठोस प्रयासों के महत्वपूर्ण परिणाम मिले हैं, क्योंकि पिछले दो दिनों में खेतों में आग लगने के मामलों में काफी गिरावट आई है. रविवार और शनिवार को राज्य में क्रमशः 740 और 637 खेतों में आग लगाने के मामले दर्ज किए गए थे.
अक्टूबर और नवंबर में राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि के पीछे पंजाब और हरियाणा में धान की पराली जलाना एक कारण माना जाता है. सुबह 7 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 290 रहा.
दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक हर दिन शाम 4 बजे दर्ज किया गया, यह शनिवार को 319, शुक्रवार को 405 और गुरुवार को 419 था. इस दौरान हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ और ‘खराब’ श्रेणी में रहे.
सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने पर रोक का आदेश दिया
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बीते 7 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि फसल अवशेष (पराली) जलाना तत्काल रोका जाए, यह कहते हुए कि वह प्रदूषण के कारण ‘लोगों को मरने’ नहीं दे सकता.
इसके बाद डीजीपी गौरव यादव ने पराली जलाने के खिलाफ कार्रवाई की निगरानी के लिए अर्पित शुक्ला को पुलिस नोडल अधिकारी नियुक्त किया.
एक बयान में शुक्ला ने कहा कि पराली जलाते पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है. उन्होंने किसानों से सहयोग करने और फसल अवशेष न जलाने का आह्वान किया, जिससे न केवल पर्यावरण खराब होता है, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है.