जिंदल विश्वविद्यालय में फिलिस्तीन पर​ व्याख्यान में की गई टिप्पणी पर पूर्व प्रोफेसर क़ायम

लेखक और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर अचिन वानाइक ने कहा कि फिलिस्तीन पर एक व्याख्यान को लेकर हरियाणा स्थित ओपी जिंदल विश्वविद्यालय ने उनसे खेद जताने के लिए कहा है. विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि इस दौरान हिंदुत्व और इसके मुस्लिम विरोधी होने पर की गई उनकी टिप्पणी आपत्तिजनक थी.

अचिन वानाइक. (फोटो साभार: Joe Athially/Flickr CC BY-NC-SA 2.0 DEED)

लेखक और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर अचिन वानाइक ने कहा कि फिलिस्तीन पर एक व्याख्यान को लेकर हरियाणा स्थित ओपी जिंदल विश्वविद्यालय ने उनसे खेद जताने के लिए कहा है. विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि इस दौरान हिंदुत्व और इसके मुस्लिम विरोधी होने पर की गई उनकी टिप्पणी आपत्तिजनक थी.

अचिन वानाइक. (फोटो साभार: Joe Athially/Flickr CC BY-NC-SA 2.0 DEED)

नई दिल्ली: लेखक और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर अचिन वानाइक, जिनका हाल ही में ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में फिलिस्तीन पर दिया गया व्याख्यान विवादों में घिर गया था, ने कहा है कि वह अपने व्याख्यान पर कायम हैं.

हरियाणा के इस निजी विश्वविद्यालय ने 1 नवंबर को आयोजित ‘फिलिस्तीनी वर्तमान का इतिहास और राजनीति’ नामक एक व्याख्यान के दौरान की की गईं टिप्पणियों के लिए अचिन को ‘खेद व्यक्त करने’ के लिए कहा था.

उन्होंने द हिंदू को बताया कि उन्होंने विश्वविद्यालय को सूचित कर दिया है कि वह व्याख्यान में कही गईं अपनी बातों पर कायम हैं और इसकी गलत व्याख्या और इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न हुए भ्रम पर खेद व्यक्त करते हैं.

उनके व्याख्यान के बाद भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति सी. राज कुमार को पत्र लिखकर कहा था, ‘मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि विश्वविद्यालय में इजरायल राज्य को अवैध ठहराने वाला एक कार्यक्रम क्यों आयोजित किया गया था.’

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार दबीरू श्रीधर पटनायक ने बाद में 13 नवंबर को अचिन वानाइक को पत्र लिखकर कहा कि हिंदुत्व और इसके मुस्लिम विरोधी होने पर उनकी टिप्पणी अनावश्यक और आपत्तिजनक थी.

वानाइक ने कहा, ‘जब आप एक विशेष समुदाय को प्राथमिकता देते हैं, तो यह राष्ट्रवाद की एक अन्य अवधारणा के विपरीत है, जो भारत में समग्र राष्ट्रवाद की बात करती है.’

उन्होंने कहा कि कई लोगों ने फिलिस्तीन पर उनके व्याख्यान को रिकॉर्ड किया था और कुछ हिस्सों को ऑनलाइन पोस्ट किया था. उन्होंने कहा, ‘यह विचार कि मैं आतंकवाद समर्थक हूं, बिल्कुल बकवास है. मेरे शब्दों को बिल्कुल संदर्भ से परे समझा गया.’

वे आगे बोले, ‘मैं यहां स्पष्ट करना चाहूंगा कि मैं हमास की कार्रवाई को आतंकवादी कार्रवाई मानता हूं और इसकी आलोचना करता हूं’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के इतिहास और क्षेत्र में हाल की हिंसा के नतीजों पर प्रकाश डालने के लिए वानाइक की प्रस्तावित वार्ता को रद्द कर दिया था.

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.