तमिलनाडु राज्यपाल द्वारा विधेयक पारित करने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट के सवाल समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि द्वारा विधानसभा द्वारा उनकी सहमति के लिए भेजे गए कुछ विधेयकों पर इस मामले के अदालत पहुंचने के बाद ही कार्रवाई क्यों की गई. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सोमवार को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ तमिलनाडु सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्यपाल रवि पर विधायिका द्वारा उन्हें भेजे गए कुछ विधेयकों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया गया था. इस दौरान जब अदालत को बताया गया कि राज्यपाल 10 लंबित विधेयकों पर उनकी सहमति दी है, तब सीजेआई ने कहा, ‘राज्यपाल का कहना है कि उन्होंने 13 नवंबर को इन विधेयकों का निपटारा कर दिया है. हमारी चिंता यह है कि हमारा आदेश 10 नवंबर को पारित किया गया था. ये विधेयक जनवरी 2020 से लंबित थे. इसका मतलब है कि राज्यपाल ने अदालत द्वारा नोटिस जारी करने के बाद निर्णय लिया. राज्यपाल तीन साल तक क्या कर रहे थे? राज्यपाल को पार्टियों के सुप्रीम कोर्ट जाने का इंतजार क्यों करना चाहिए?’

दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और ईडी से जवाब मांगा है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अदालत ने आदेश दिया कि यदि सिंह अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर करते हैं तो इसे दिल्ली हाईकोर्ट के 20 अक्टूबर के फैसले में की गई टिप्पणी से स्वतंत्र माना जाना चाहिए. ईडी ने सिंह को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था और उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट ने अपने पहले के आदेश में मामले में उनकी गिरफ्तारी में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा था कि वह रिकॉर्ड पर कोई सामग्री रखे बिना देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी पर ‘राजनीतिक मकसद’ होने का आरोप नहीं लगा सकता. ईडी ने सीबीआई द्वारा मामले के की गई जांच के आधार पर संजय सिंह और कई अन्य आरोपियों के खिलाफ केस बनाया है.

बलात्कार के दोषी ठहराए गए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को फिर तीन हफ्ते का ‘फर्लो’ मिला है. एनडीटीवी के अनुसार, यह राम रहीम को 21 महीने के दौरान मिली आठवीं छुट्टी है. इससे पहले उसे दो बार पैरोल मिल चुकी है, जिसके बाद उसने फर्लो की अर्जी लगाई थी. बताया गया है कि वह अगले हफ्ते रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आ सकता है, जहां से वह उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित अपने आश्रम में रहने जाएगा. गौरतलब है कि अगस्त 2017 में गुरमीत राम रहीम को उसके आश्रम की दो महिलाओं से बलात्कार का दोषी ठहराते हुए पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद जनवरी 2019 में हरियाणा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. उसे सज़ा के दौरान जेल से मिली छुट्टियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं.

केरल सरकार द्वारा राजभवन पर 8 विधेयकों को मंजूरी न देने का आरोप वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और केरल के राज्यपाल को नोटिस भेजा है. डेक्कन हेराल्ड के अनुसार, देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्र सरकार और राज्यपाल कार्यालय से जवाब मांगा और मामले की सुनवाई शुक्रवार को तय की. केरल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल को सुनने के बाद अदालत ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी या सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को मामले में मदद करने के लिए कहा है. वेणुगोपाल ने कहा कि आठ विधेयकों में से कुछ सात महीने से और कुछ तीन साल से लंबित हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपालों को यह एहसास नहीं है कि वे विधानमंडल का हिस्सा हैं. ज्ञात हो कि पंजाब और तमिलनाडु के बाद केरल इस तरह की रिट याचिका दायर करने वाला तीसरा राज्य है.

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने कश्मीरी पत्रकार सज्जाद गुल के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) कार्यवाही रद्द करते हुए सूबे के प्रशासन को फटकार लगाई है. रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2022 से हिरासत में लिए गए गुल के खिलाफ दर्ज पीएसए केस को रद्द करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस के. कोटिस्वर सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसे सरकार के आलोचकों को मनमाने ढंग से जेल भेजने को ‘निवारक कानून का दुरुपयोग’ करार दिया. पीठ ने कहा कि सूबे के प्रशासन ने कार्यवाही को मंज़ूरी देते समय अपना दिमाग़ नहीं लगाया और ऐसा कुछ पेश नहीं किया जो साबित करता हो कि गुल राष्ट्रहित के ख़िलाफ़ काम कर रहे थे. अदालत ने प्रशासन को निर्देश दिया कि यदि किसी अन्य मामले में जरूरत न हो तो गुल को एहतियातन हिरासत से तुरंत रिहा किया जाए. जम्मू कश्मीर पुलिस ने गुल के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए थे, जिसके बाद जनवरी 2022 से गुल हिरासत में हैं.

पंजाब पुलिस ने बताया है कि पराली जलाने को लेकर किसानों के ख़िलाफ़ 930 से अधिक एफ़आईआर दर्ज की गई हैं .द हिंदू के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंजाब पुलिस ने बीते 8 नवंबर से पराली जलाने पर किसानों के ख़िलाफ़ 932 एफआईआर दर्ज करने के साथ ही 7,405 मामलों में 1.67 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. पराली जलाने पर 340 किसानों के राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है. दिल्ली-एनसीआर की गिरती वायु गुणवत्ता और प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बीते 7 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि फसल अवशेष (पराली) जलाने पर तत्काल रोक लगाई जाए.

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