रोजगार सृजन में फिर आई गिरावट, छह महीने के निचले स्तर पर पहुंचा: ईपीएफओ डेटा

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा जारी नवीनतम पेरोल डेटा से पता चलता है कि कर्मचारी भविष्य निधि के तहत नए मासिक ग्राहकों की संख्या में 6.45 फीसदी की कमी आई है. नए ग्राहकों की संख्या अगस्त में 9,53,092 थी, जो सितंबर में घटकर 8,91,583 रह गई.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ILO Asia Pacific/Flickr CC BY ND 2.0 DEED)

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा जारी नवीनतम पेरोल डेटा से पता चलता है कि कर्मचारी भविष्य निधि के तहत नए मासिक ग्राहकों की संख्या में 6.45 फीसदी की कमी आई है. नए ग्राहकों की संख्या अगस्त में 9,53,092 थी, जो सितंबर में घटकर 8,91,583 रह गई.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ILO Asia Pacific/Flickr CC BY ND 2.0 DEED)

नई दिल्ली: औपचारिक रोजगार सृजन में सितंबर में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई है, जो छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है और चालू वित्त वर्ष के लिए श्रम बाजारों में मंदी का संकेत देता है.

बिजनेस स्टैंडर्ड ने की रिपोर्ट बताती है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा सोमवार (20 नवंबर) को जारी नवीनतम पेरोल डेटा से पता चलता है कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के तहत नए मासिक ग्राहकों की संख्या में 6.45 फीसदी की कमी आई है. नए ग्राहकों की संख्या अगस्त में 9,53,092 थी, जो सितंबर में घटकर 8,91,583 रह गई.

शुद्ध पेरोल वृद्धि- नए ग्राहक, ग्राहकों की निकासी और पुराने ग्राहकों की वापसी का उपयोग करके की गई गणना- सितंबर में 14.9 फीसदी बढ़कर 1.72 मिलियन हो गई, ये संख्या अनंतिम हैं और आमतौर पर अगले महीने में पुनर्विचार के अधीन है.

बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, नए ईपीएफ ग्राहकों में महिलाओं का अनुपात अगस्त के 26.12 फीसदी से घटकर सितंबर में 25.3 फीसदी (2,26,392) हो गया. दूसरी ओर, 18-28 के आयु वर्ग के व्यक्तियों की हिस्सेदारी अगस्त में 67.93 फीसदी थी जो सितंबर में थोड़ा बढ़कर 68.8 फीसदी हो गई.

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सितंबर में शुद्ध सदस्यता वृद्धि का लगभग 41.46 फीसदी जनशक्ति आपूर्तिकर्ताओं, सामान्य ठेकेदारों, सुरक्षा सेवाओं और विविध गतिविधियों सहित विशेषज्ञ सेवाओं से आया है.

इसने कहा, ‘उद्योग-वार आंकड़ों की माह-दर-माह तुलना चीनी उद्योग, कुरियर सेवाओं, लोहा और इस्पात, अस्पतालों, ट्रैवल एजेंसियों आदि से संबंधित प्रतिष्ठानों में काम करने वाले सदस्यों में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाती है.’

हालांकि, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने सितंबर के लिए श्रम बाजारों में सकारात्मक रुझान की सूचना दी है. बेरोजगारी दर एक साल के निचले स्तर पर आ गई है, जो अगस्त के 8.10 प्रतिशत से घटकर सितंबर में 7.09 प्रतिशत हो गई है. विशेष तौर पर ग्रामीण बेरोजगारी अगस्त के 7.11 फीसदी से गिरकर 6.20 फीसदी हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान शहरी बेरोजगारी दर 10.09 फीसदी से गिरकर 8.94 फीसदी हो गई.