पीआईबी ने जी-20 पर मंत्रियों-अधिकारियों के लेख 300 से अधिक अख़बारों में प्रकाशन के लिए भेजे: आरटीआई

सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से पता चला है कि ये सभी लेख सरकारी अधिकारियों या केंद्रीय मंत्रियों द्वारा लिखे गए थे. इन लेखों में उन्होंने जी-20 के लक्ष्यों के अनुरूप सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला था, मोदी की प्रशंसा की थी और जी-20 की अध्यक्षता करने के लिए भारत के महत्व को समझाया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Unsplash)

सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से पता चला है कि ये सभी लेख सरकारी अधिकारियों या केंद्रीय मंत्रियों द्वारा लिखे गए थे. इन लेखों में उन्होंने जी-20 के लक्ष्यों के अनुरूप सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला था, मोदी की प्रशंसा की थी और जी-20 की अध्यक्षता करने के लिए भारत के महत्व को समझाया था.

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नई दिल्ली: समाचार आउटलेट न्यूज़लॉन्ड्री द्वारा प्राप्त सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जवाब में यह पाया गया है पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने देश भर के 315 समाचार-पत्रों में प्रकाशित होने के लिए जी-20 बैठक पर कई लेख प्रसारित किए थे.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ये सभी लेख सरकारी अधिकारियों या केंद्रीय मंत्रियों द्वारा लिखे गए थे. इन लेखों में उन्होंने जी-20 के लक्ष्यों के अनुरूप सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला था, मोदी की प्रशंसा की थी और जी-20 की अध्यक्षता करने के लिए भारत के महत्व को समझाया था.’

जी-20 नेताओं की बैठक काफी धूमधाम के बीच बीते सितंबर माह में नई दिल्ली में हुई थी. इसमें भाग लेने वाले प्रतिनिधियों को गरीबी और अन्य ज्यादतियों से बचाने के प्रयासों के कारण इस आयोजन ने सुर्खियां बटोरी थीं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि नई दिल्ली में पीआईबी मुख्यालय ने जी-20 से संबंधित 13 लेखों को 263 अखबारों में प्रकाशित करने का प्रसारित किया था, जिनमें मणिपुर, कश्मीर और सिक्किम के छोटे अखबार भी शामिल थे. पीआईबी के मुंबई ब्यूरो ने स्वतंत्र रूप से 5 लेखों को कमीशन किया, जिनमें से दो दिल्ली की सूची में भी थे.

बेंगलुरु ब्यूरो ने पीआईबी मुख्यालय द्वारा भेजे गए 14 लेखों का अनुवाद किया. इसी तरह चेन्नई ब्यूरो ने 7 लेखों का अनुवाद किया. फिर दोनों ब्यूरो ने ये लेख अखबारों को प्रकाशित होने के लिए भेजे थे.

कोलकाता ब्यूरो ने ‘बांग्ला और अंग्रेजी में 15 और हिंदी तथा उर्दू में 11 लेख प्रकाशित कराए.’

इन लेखों को लिखने वालों में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (के लेख 14 अखबारों में प्रकाशित), स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (के लेख 25 अखबारों में प्रकाशित) और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक वन और वन्यजीव बिवाश रंजन (के लेख 21 अखबारों में प्रकाशित) शामिल हैं.

मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन को भी व्यापक रूप से प्रकाशित किया गया था और उनके प्रत्येक लेख, जो अक्सर अन्य सरकारी पद धारकों के साथ लिखे गए थे, एक ही बार में 27 से 52 समाचार-पत्रों में प्रकाशित हुए.


सबसे अधिक प्रकाशित लेखों में से एक

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फरवरी माह में भारत की जी-20 अध्यक्षता पर ‘समावेशी विकास’ और ‘सार्वभौमिक एकजुटता’ पर आधारित बिजली मंत्रालय के सचिव आलोक कुमार के लेख 61 समाचार-पत्रों में प्रकाशित हुए. इस लेख में ‘समावेशी विकास’ और ‘सार्वभौमिक एकजुटता’ को बुनने के लिए भारत के जी-20 का अध्यक्ष होने का श्रेय दिया गया. इस लेख को उत्तर प्रदेश के कम से कम 15 अखबारों ने छापा था.

एक सप्ताह बाद 15 फरवरी को आलोक कुमार ने जी-20 ऊर्जा कार्य समूह की प्रमुख बातों पर एक और लेख लिखा, जिसे 31 अखबारों ने प्रकाशित किया था.

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