पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों से संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले भारती किसान यूनियन (दोआबा) के नेतृत्व में सैकड़ों किसान 20 नवंबर से अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन पर हैं. वे गन्ने की फसल के लिए ख़रीद मूल्य 380 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं.
नई दिल्ली: पंजाब के जालंधर में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ गन्ने की फसल के लिए राज्य द्वारा सुनिश्चित कीमतों में बढ़ोतरी की मांग को लेकर किसानों ने गुरुवार को तीसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रखा.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसान संघ से राज्य में सड़कें अवरुद्ध करके आम आदमी का अनुचित उत्पीड़न बंद करने को कहा. जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि किसान संगठनों को आम आदमी के लिए असुविधा पैदा करने से बचना चाहिए अन्यथा लोग उनके खिलाफ हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि केवल अपने निहित स्वार्थों के लिए यूनियनें सड़कों को अवरुद्ध करके लोगों को परेशान कर रही हैं, जिससे उनका दैनिक जीवन खतरे में पड़ रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि पंजाब भवन, पंजाब सिविल सचिवालय और कृषि मंत्री के कार्यालय सहित उनके कार्यालय और निवास के दरवाजे बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं.
Farmers under the banner of Samyukt Kisan Morcha (SKKM) blocked the railway track in #Punjab's Jalandhar.The farmer unions are demanding a hike in sugarcane assured price from ₹380 to ₹450 per quintal. This is the third consecutive day of their protest but they blocked the… pic.twitter.com/hNs9EAFE3d
— Akashdeep Thind (@thind_akashdeep) November 23, 2023
मान की टिप्पणी की राजनीतिक दलों और किसान संगठनों ने तीखी आलोचना की. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के समन्वयक दर्शन पाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनका जन्म भी धरने से ही हुआ है और वास्तव में जब वे सत्ता में नहीं थे तो उन्होंने किसानों को उनके विरोध प्रदर्शन के दौरान समर्थन दिया था.
पाल ने कहा, ‘अब जब वे (आप) सत्ता में आए हैं तो उनका रवैया पूरी तरह से बदल गया है. किसान अपनी मर्जी से नहीं बल्कि मजबूरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अगर आप सरकार ने हमारे लंबे समय से लंबित मुद्दों का समाधान कर दिया होता, तो हमें विरोध करने की कोई जरूरत नहीं थी. सत्ता में आने से पहले आप ने किसानों के सभी मुद्दों को हल करने का वादा किया था, लेकिन अब वे हमसे मिलने से भी कतराते हैं. अगर सरकार हमारी मांगें मान लेती है तो हम विरोध क्यों करेंगे? स्थिति को हल करने की जिम्मेदारी सरकार पर है.’
रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों से एसकेएम के सामूहिक बैनर तले भारती किसान यूनियन (दोआबा) के नेतृत्व में सैकड़ों किसान 20 नवंबर से अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन पर हैं और उन्होंने जालंधर में धानोवाली गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है.
राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है और वाहनों को वैकल्पिक मार्गों पर भेजा जा रहा है. वे गन्ने की फसल के लिए खरीद मूल्य 380 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं.
बीकेयू (दोआबा) नेता मंजीत राय ने कहा कि उन्होंने गन्ना के सुनिश्चित कीमत बढ़ाने के लिए सरकार को कई बार अवगत कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, ‘जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम अपना विरोध जारी रखेंगे. राज्य सरकार ने अन्य राज्यों की तुलना में अपना सुनिश्चित कीमत बहुत कम रखा है, साथ ही पिछले वर्षों का बकाया भी गन्ना मिलों द्वारा अब तक भुगतान नहीं किया गया है.’
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के मुख्य प्रवक्ता अर्शदीप सिंह ने आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार ने किसान और पंजाब विरोधी रुख अपनाया है.
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री द्वारा हमारे किसानों के लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों का चयन सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है.’ उन्होंने कहा कि आप पूरी तरह से विफल रही है और अपनी जनविरोधी नीतियों से राज्य को बर्बाद कर दिया है.