मणिपुर में बहुसंख्यक मेईतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद बीते 3 मई से मोबाइल इंटरनेट पूरी तरह या आंशिक रूप से निलंबित कर दिया गया है. बीते सितंबर महीने में इंटरनेट को तीन दिनों के लिए बहाल किया गया था, लेकिन फिर से प्रतिबंध लागू कर दिया गया.
नई दिल्ली: देश में इंटरनेट शटडाउन की घटनाओं पर नजर रखने वाली संस्था InternetShutdowns.in की रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर में 200 से अधिक दिनों से इंटरनेट बंद है.
उत्तर-पूर्व के इस राज्य में मेईतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद बीते 3 मई से मोबाइल इंटरनेट पूरी तरह या आंशिक रूप से निलंबित कर दिया गया है.
The #InternetShutdown in #Manipur has crossed over 200 days. The 2nd longest #shutdown in India – it has impacted the entire community adversely. #Shutdowns have a profound toll on societies. They stifle communication, hinder access to vital info, & #disruptservices. #Manipur pic.twitter.com/gXqEHWZtuc
— InternetShutdowns.in (@NetShutdowns) November 23, 2023
सितंबर में इंटरनेट को तीन दिनों के लिए थोड़े समय के लिए बहाल किया गया था, लेकिन फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया.
समाचार रिपोर्टों के अनुसार, हेट स्पीच फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए सोशल मीडिया के संभावित दुरुपयोग के बारे में चिंताओं का हवाला देते हुए इंटरनेट प्रतिबंध 23 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था.
हालांकि, इंटरनेट सेवाओं की बहाली पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है.
लगातार पांच वर्षों से भारत अपने नागरिकों के लिए इंटरनेट बंद करने वाले राज्यों की वैश्विक सूची में शीर्ष पर है. इंटरनेट शटडाउन सूचना के प्रवाह पर नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक संचार को जान-बूझकर बाधित करना है.
दुनिया भर में सरकारों का तर्क है कि वे संकट की स्थिति के दौरान गलत सूचना को रोकने के लिए इंटरनेट शटडाउन लागू करते हैं. जबकि द वायर ने बताया था कि यह रणनीति प्रतिकूल तरीके से काम करती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इंटरनेट शटडाउन गलत सूचना के प्रवाह को प्रोत्साहित नहीं करता तो बढ़ा देता है.
इसके अलावा, गरीब और हाशिये पर रहने वाले समुदायों के लोगों को इन प्रतिबंधों का खामियाजा भुगतना पड़ता है. विडंबना यह है कि ‘डिजिटल इंडिया’ परियोजना उन्हीं लोगों का उत्थान करना चाहती है.
इसके अलावा, वैश्विक ट्रैकर टॉप 10 वीपीएन के डेटा का हवाला देते हुए बिजनेस स्टैंडर्ड ने बताया है कि भारत को 2023 के छह महीनों में इंटरनेट निलंबन से साल 2022 की तुलना में धन का अधिक नुकसान हुआ है.
2023 में जून तक भारत को 255.2 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. 2022 में इसे 184.3 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.
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