गुजरात: भावनगर में केस वापस लेने से इनकार करने पर दलित महिला की हत्या

गुजरात के भावनगर में एक 45 वर्षीय दलित महिला पर चार लोगों ने कथित तौर पर हमला किया था, क्योंकि उन्होंने एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोपियों के ख़िलाफ़ दर्ज कराए गए तीन साल पुराने केस को वापस लेने के लिए अपने बेटे को समझाने से इनकार कर दिया था. पुलिस ने चारों के ख़िलाफ़ हत्या और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: knowlaw.in)

गुजरात के भावनगर में एक 45 वर्षीय दलित महिला पर चार लोगों ने कथित तौर पर हमला किया था, क्योंकि उन्होंने एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोपियों के ख़िलाफ़ दर्ज कराए गए तीन साल पुराने केस को वापस लेने के लिए अपने बेटे को समझाने से इनकार कर दिया था. पुलिस ने चारों के ख़िलाफ़ हत्या और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.

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नई दिल्ली: गुजरात के भावनगर में एक 45 वर्षीय दलित महिला की हत्या कर दी गई, क्योंकि उन्होंने कुछ लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज केस वापस लेने से इनकार कर दिया था.

इस वजह से कथित तौर चार लोगों ने उन पर हमला किया था और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस उपाधीक्षक आरआर सिंघल ने कहा कि शैलेश कोली, रोहल कोली और उनके दो अज्ञात साथियों ने गीताबेन मारू पर स्टील पाइप से हमला किया और था, जिससे बाद सोमवार (27 नवंबर) को उनकी मौत हो गई.

चारों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत हत्या, हमला और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया है.

सिंघल ने कहा, ‘हमने गीताबेन की मौत से पहले रविवार (26 नवंबर) रात को उनकी शिकायत के आधार पर शैलेश कोली, उसके दोस्त रोहल कोली और उनके दो अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी.’

मौत के बाद गीताबेन के परिवार और स्थानीय दलित नेताओं ने भावनगर के सर तख्तसिंहजी जनरल अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने तब तक उनके शव लेने से इनकार कर दिया, जब तक कि सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया गया.

एफआईआर के मुताबिक, गीताबेन को कई फ्रैक्चर और चोटें आई थीं. आरोपियों ने मारू के पति और बेटी को भी धमकी दी थी, जिससे वे भागने पर मजबूर हो गए.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी एससी/एसटी एक्ट के तहत अपने खिलाफ दर्ज एक तीन साल पुराने मामले को वापस लेने के लिए बेटे गौतम मारू को समझाने से गीताबेन के इनकार करने से नाराज थे.

एफआईआर में कहा गया है कि, जब उन्होंने समझौते की पेशकश ठुकरा दी, तो चारों आरोपियों ने कथित तौर पर अपने साथ लाए स्टील पाइप से उन्हें पीटना शुरू कर दिया. उन्होंने पास की दुकान के सीसीटीवी कैमरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और वहां मौजूद लोगों को डराया-धमकाया.

इसी बीच, कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि गुजरात में दलित हत्या और अत्याचार का एक और मामला सामने आया है.

उन्होंने कहा, ‘कोविड लॉकडाउन के दौरान भावनगर जिले के एक युवक गौतम मारू पर असामाजिक तत्वों द्वारा हमला किया गया था. फिर पुलिस में शिकायत दर्ज की गई. जैसे ही मामला अदालत में पहुंचा, आरोपी ने डर के मारे शिकायतकर्ता को समझौते के लिए धमकाना शुरू कर दिया.’

मेवाणी ने लिखा, ‘हालांकि, गौतम के परिवार ने इनकार कर दिया और अदालत के माध्यम से न्याय मांगा. आरोपियों ने गौतम की मां गीताबेन पर हमला किया. उसे भावनगर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया.’

उन्होंने आगे कहा, ‘यह घटना संविधान दिवस के दिन हुई. यह हमला राज्य में गुंडों के बढ़ते दुस्साहस पर प्रकाश डालता है. यह रेखांकित करता है कि ऐसे तत्वों का साहस कैसे बढ़ गया है और गुजरात सरकार, हमेशा की तरह दलितों, वंचितों और शोषितों से संबंधित मुद्दों पर एक मूर्ख पर्यवेक्षक बनी हुई है.’