उत्तर प्रदेश: मुस्लिम विधायक के दौरे के बाद मंदिर को गंगाजल छिड़ककर ‘शुद्ध’ किया गया

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले के एक गांव का मामला. ज़िले की डुमरियागंज ​सीट से सपा विधायक सैयदा ख़ातून ने बताया कि उन्हें बलवा गांव स्थित समया माता मंदिर प्रशासन द्वारा एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था. उन्होंने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती हैं. कुछ तत्व लोगों के एक समूह को गुमराह कर रहे हैं.

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समाजवादी पार्टी विधायक सैयदा खातून. (फोटो साभार: X/@saiyada_khatoon)

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले के एक गांव का मामला. ज़िले की डुमरियागंज ​सीट से सपा विधायक सैयदा ख़ातून ने बताया कि उन्हें बलवा गांव स्थित समया माता मंदिर प्रशासन द्वारा एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था. उन्होंने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती हैं. कुछ तत्व लोगों के एक समूह को गुमराह कर रहे हैं.

समाजवादी पार्टी विधायक सय्यादा खातून. (फोटो साभार: X/@saiyada_khatoon)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में एक मुस्लिम विधायक के एक मंदिर का दौरा करने के बाद हिंदू संगठनों के सदस्यों और स्थानीय नगरीय अधिकारियों द्वारा गंगाजल छिड़ककर मंदिर को ‘शुद्ध’ करने का मामला सामने आया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के डुमरियागंज से समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक सैयदा खातून ने बताया कि उन्हें रविवार (26 नवंबर) को एक कार्यक्रम (राम कथा) में शामिल होने के लिए सिद्धार्थनगर जिले के बलवा गांव स्थित समया माता मंदिर के प्रशासन द्वारा आमंत्रित किया गया था.

पुलिस ने कहा, ‘राम कथा कार्यक्रम के बाद स्थानीय पंचायत के अध्यक्ष और कुछ अन्य हिंदू संगठनों के सदस्यों ने सोमवार (27 नवंबर) को मंदिर का दौरा किया, गंगाजल छिड़का, हनुमान चालीसा का पाठ किया और खातून के खिलाफ नारे लगाए.’

बढ़नी चाफा नगर पंचायत के अध्यक्ष धर्मराज वर्मा ने कहा, ‘समया माता मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. लोग समर्पण भाव से मंदिर में आते हैं, जिसका स्थानीय विधायक ने अनादर किया. वह मांसाहारी हैं और उनके दौरे से जगह की पवित्रता प्रभावित हुई.’

उनके साथ संतोष पासवान, मिथलेश पांडे, विजय मद्धेशिया और प्रमोद गौतम सहित विभिन्न हिंदू संगठनों के सदस्य भी थे. धर्मराज वर्मा ने कहा कि उन्होंने मंदिर को ‘शुद्ध’ करने के लिए उस पर गंगाजल छिड़का गया.

मामले को ध्यान में रखते हुए डुमरियागंज सर्कल अधिकारी सुजीत कुमार राय ने कहा कि पुलिस की एक टीम किसी भी टकराव की संभावना को रोकने के लिए इलाके में गश्त कर रही है और कहा कि उन्हें घटना के संबंध में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है.

उन्होंने कहा, ‘अगर इस संबंध में शिकायत दर्ज की जाती है तो हम उचित कार्रवाई करेंगे.’

राय ने यह भी बताया कि स्थानीय ग्रामीणों ने राम कथा के लिए एक आयोजन समिति का गठन किया था, जिसके अध्यक्ष आयोजन समिति के सचिव श्रीकांत शुक्ला और मंदिर के मुख्य पुजारी पुजारी प्रसाद थे और उन्होंने सपा नेता को आमंत्रित किया था.

सिद्धार्थनगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक कुमार अग्रवाल ने कहा, ‘हम घटना की जांच कर रहे हैं और घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं.’

खातून ने कहा कि कुछ तत्व लोगों के एक समूह को गुमराह कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं. इसके अलावा मैं एक जन प्रतिनिधि हूं. चाहे वह मंदिर हो या मस्जिद, अगर मुझे आमंत्रित किया गया तो मैं वहां जरूर जाऊंगी.’

उन्होंने कहा कि विभिन्न मंदिरों के नवीनीकरण को उनके विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से वित्त पोषित किया गया है.

यह पहली बार नहीं है कि उत्तर प्रदेश के किसी मंदिर में ऐसी घटना हुई है. 2018 में भारतीय जनता पार्टी की एक दलित महिला विधायक के मंदिर में प्रवेश के बाद हमीरपुर जिले के एक मंदिर को गंगाजल से शुद्ध किया गया था.

पिछले साल पड़ोसी राज्य बिहार में भी एक विवाद खड़ा हो गया था, जब एक मुस्लिम मंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ विष्णुपद मंदिर में प्रवेश किया था, जिसके बाद मंदिर के कर्मचारियों को परिसर को ‘शुद्ध’ किया था.