आईआईटी मद्रास ने पीएचडी छात्र की आत्महत्या मामले में प्रोफेसर को निलंबित किया

इस साल 31 मार्च को पश्चिम बंगाल के एक 32 वर्षीय शोध छात्र अपने कमरे में मृत पाए गए थे. घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति बनाई गई थी. आईआईटी मद्रास के एक बयान में कहा कि बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के निर्देश के आधार पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर आशीष सेन को निलंबित कर दिया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक/IIT Madras)

इस साल 31 मार्च को पश्चिम बंगाल के एक 32 वर्षीय शोध छात्र अपने कमरे में मृत पाए गए थे. घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति बनाई गई थी. आईआईटी मद्रास के एक बयान में कहा कि बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के निर्देश के आधार पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर आशीष सेन को निलंबित कर दिया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक/IIT Madras)

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी-मद्रास) ने इस साल 31 मार्च को एक शोध छात्र की आत्महत्या की जांच के बाद एक प्रोफेसर को निलंबित कर दिया है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, आईआईटी मद्रास के एक बयान में कहा गया, ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के निर्देश के आधार पर प्रोफेसर आशीष सेन को निलंबित कर दिया गया है. संस्थान सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन कर रहा है.’

मार्च में पश्चिम बंगाल के एक 32 वर्षीय डॉक्टरेट छात्र अपने कमरे में मृत मिला था, जो इस वर्ष संस्थान में इस तरह की तीसरी घटना थी.

पुलिस ने बताया था कि छात्र की पहचान सचिन कुमार के रूप में हुई थी, जो पीएचडी कर रहे थे. सचिन 31 मार्च को कैंपस के बाहर अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाए गए थे. अपनी मौत से कुछ घंटे पहले उन्होंने एक वॉट्सऐप स्टेटस पोस्ट किया था, जिसमें कहा गया था, ‘क्षमा करें, मैं उतना अच्छा नहीं हूं.’

सचिन के परिवार ने अपनी विस्तृत शिकायत में कथित तौर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर सेन द्वारा उनके और अन्य लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया था.

हाल ही में संस्थान ने सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी जी. थिलाकावती को जांच समिति का प्रमुख नियुक्त किया था.

न्य इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना की जांच कर रहे पूर्व डीजीपी जी. थिलाकावती की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय जांच समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है. प्रोफेसर सेन शोधार्थी सचिन कुमार जैन के पीएचडी पर्यवेक्षक थे.

आईआईटी मद्रास के एक छात्र संगठन ने प्रोफेसर सेन के खिलाफ कार्रवाई का स्वागत किया है.

‘वॉयस ऑफ स्टूडेंट्स ऑफ आईआईटी-एम’ की एक पोस्ट में कहा गया है, ‘हम आईआईटी-एम प्रशासन को उनके एक साथी के खिलाफ इतनी मजबूत और साहसी कार्रवाई के लिए बधाई देते हैं. यह एक जीत है. कई छात्र जो सचिन की आत्महत्या के बाद विरोध प्रदर्शन के लिए एक साथ आए थे.’

इस वर्ष अप्रैल तक तीन महीनों में आईआईटी मद्रास में चार आत्महत्याएं हुई थीं, दो वर्षों में कुल छह आत्महत्याएं हुईं हैं.

14 मार्च को आंध्र प्रदेश के एक छात्र ने कथित तौर पर छात्रावास में आत्महत्या कर ली थी. इसी तरह 13 फरवरी को महाराष्ट्र के 24 वर्षीय रिसर्च स्कॉलर स्टीफन सनी अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाए गए थे. उसी दिन एक अन्य छात्र ने आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन उसे बचा लिया गया. इसको लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था और इन आत्महत्याओं की एक कमेटी द्वारा जांच की मांग की थी.

मद्रास के इस प्रमुख संस्थान ने 2019 में कथित रूप से धार्मिक भेदभाव का सामना करने वाली छात्रा फातिमा लतीफ की आत्महत्या के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों का सामना किया था.