अमेरिकी अभियोजकों द्वारा एक ‘भारतीय सरकारी कर्मचारी’ पर एक अमेरिकी नागरिक (गुरपतवंत सिंह पन्नू) की हत्या की साज़िश रचने का आरोप लगाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री ने यह बयान दिया है. वहीं कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा कि हम अपने आरोपों पर क़ायम हैं कि एक कनाडाई नागरिक (हरदीप सिंह निज्जर) की हत्या का संबंध भारतीय एजेंटों से था.
नई दिल्ली: अमेरिकी संघीय अभियोजकों द्वारा एक ‘भारतीय सरकारी कर्मचारी’ पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या का आदेश देने का आरोप लगाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने कहा है कि हो सकता है कि उसने (भारतीय सरकारी कर्मचारी) हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से भी जुड़ा रहा हो.
द ग्लोब एंड मेल के अनुसार, विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि वह अमेरिकी आपराधिक मामले पर टिप्पणी नहीं करेंगी, लेकिन कहा कि भारत को निज्जर के हत्यारों को पकड़ने में कनाडा की मदद करनी चाहिए. ब्रसेल्स में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा, ‘हम अपने विश्वसनीय आरोपों पर कायम हैं कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई (निज्जर) की हत्या का संबंध भारतीय एजेंटों से था. हम भारत से अपनी जांच में शामिल होने का आह्वान करते हैं.’
जोली ने यह भी कहा कि उन्होंने निज्जर की हत्या पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर दोनों से कई बार बात की थी.
कनाडाई मीडिया ने खबर दी थी कि इस मामले पर जोली और जयशंकर के बीच वॉशिंगटन में अघोषित मुलाकात हुई थी. उन्होंने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए उनके सहयोग का आह्वान करते हैं कि यह जांच आगे बढ़ सके.’
विदेश मंत्री ने 41 कनाडाई राजनयिकों को भारत से निष्कासित करने के भारत के फैसले पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि 41 राजनयिकों को, जिन्हें अभी भारत में काम करना चाहिए, वापस आने की अनुमति दी जाएगी.’
वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जोली द्वारा व्यक्त की गईं भावनाओं को दोहराया है. सीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रूडो ने कहा, ‘अमेरिका से आ रहीं खबरें इस बात को और रेखांकित करती हैं कि हम शुरू से ही किस बारे में बात कर रहे हैं. भारत को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए हमारे साथ काम करने की जरूरत है कि हम इसकी तह तक पहुंच सकें. यह ऐसी चीज नहीं है, जिसे कोई भी हल्के में ले सकता है.’
बीते 29 नवंबर को अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में विस्फोटक आरोप दायर किए थे, जिसमें बताया गया है कि कैसे एक ‘भारतीय सरकारी कर्मचारी’ के आदेश पर खालिस्तान समर्थक संगठन चलाने वाले एक अमेरिकी नागरिक को मारने की साजिश को अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने विफल कर दिया गया था.
जिस अमेरिकी व्यक्ति की हत्या की योजना बनाने का आरोप लगाया है, अभियोग में उसे केवल ‘पीड़ित’ कहा गया है. हालांकि जाहिर तौर पर ये व्यक्ति गुरपतवंत सिंह पन्नू हैं, जो भारत में प्रतिबंधित समूह सिख फॉर जस्टिस के वकील हैं.
अमेरिकी अभियोजकों द्वारा पहचाने गए साजिशकर्ताओं में एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता और एक भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसे आरोपों में ‘सीसी-1’ नाम दिया गया है, शामिल हैं. दोनों भारत में थे और यहीं से ऑपरेशन का निर्देशन कर रहे थे.
अभियोग में 18 जून 2023 को कनाडा में खालिस्तानी कार्यकर्ता हरदीप निज्जर की हत्या में भारतीय अधिकारी की संलिप्तता के बारे में जानकारी भी शामिल है. इस घटनाक्रम से कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उन आरोपों को बल मिला जिसमें उन्होंने निज्जर की हत्या से भारत सरकार के तार जोड़े थे.
मालूम हो कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते 18 सितंबर को कनाडाई संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) में एक सनसनीखेज बयान में दावा किया था कि उनके देश की सुरक्षा एजेंसियों के पास ‘विश्वसनीय’ खुफिया जानकारी है कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ था. निज्जर की इस साल 19 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
उन्होंने कहा था कि उन्होंने इस मुद्दे को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ‘स्पष्ट रूप से’ उठाया था.
खालिस्तान समर्थक संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स और सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की कनाडाई शाखा के प्रमुख 46 वर्षीय निज्जर भारत में वांछित था. कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोपों का भारत ने खंडन किया था. साथ ही दोनों देशों ने अपने राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था.
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