गुजरात: छह छात्रों ने परीक्षा में वयस्क सामग्री और शिक्षकों के लिए अपमानजनक शब्द लिखे

गुजरात के सूरत शहर स्थित वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय का मामला. इन छह पुरुष छात्रों को फेल कर दिया है. इनमें से प्रत्येक पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया है और उन्हें भविष्य में परीक्षा देने से पहले मनोचिकित्सक से मिला प्रमाण-पत्र जमा करने का निर्देश दिया है कि वे मानसिक रूप से स्थिर हैं.

(फोटो साभार: X/@VNSGUNIVERSITY)

गुजरात के सूरत शहर स्थित वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय का मामला. इन छह पुरुष छात्रों को फेल कर दिया है. इनमें से प्रत्येक पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया है और उन्हें भविष्य में परीक्षा देने से पहले मनोचिकित्सक से मिला प्रमाण-पत्र जमा करने का निर्देश दिया है कि वे मानसिक रूप से स्थिर हैं.

(फोटो साभार: X/@VNSGUNIVERSITY)

नई दिल्ली: गुजरात के सूरत शहर में स्थित वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय ने अपने चार संबद्ध कॉलेजों के बीए और बीकॉम के दूसरे और तीसरे वर्ष के छह छात्रों को परीक्षाओं में फेल कर दिया है. उनमें से प्रत्येक पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है और उन्हें भविष्य में परीक्षा देने से पहले मनोचिकित्सक के प्रमाण-पत्र जमा करने का निर्देश दिया है कि वे मानसिक रूप से स्थिर हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया क्योंकि इन छात्रों ने अक्टूबर में विश्वविद्यालय परीक्षाओं में अपनी उत्तर पुस्तिकाओं में अपने दोस्तों के प्रेम संबंधों और वयस्क सामग्री वाली कहानियों के बारे में लिखा था, इसके अलावा अपने प्रिंसिपलों और प्रोफेसरों के लिए अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया था.

परीक्षकों द्वारा इन उत्तर पुस्तिकाओं की सामग्री को चिह्नित करने के बाद 11 अक्टूबर को कुलपति डॉ. किशोर सिंह चावड़ा की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय की फैक्ट-चेक समिति को एक रिपोर्ट भेजी गई थी.

समिति के सदस्यों ने इन छह छात्रों को बुलाया और उनके इकबालिया बयान ऑडियो और वीडियो के जरिये रिकॉर्ड किए गए. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इस तरह की हरकत दोबारा न करने की भी शपथ ली. उन्होंने बताया कि सभी छह पुरुष छात्र हैं, जो सूरत के चार कॉलेजों में पढ़ते हैं और उनकी शिक्षा का माध्यम गुजराती है.

संपर्क करने पर डॉ. चावड़ा ने कहा, ‘हमने विश्वविद्यालय परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं में छात्रों द्वारा अभद्र भाषा का उपयोग करने की घटनाएं देखी हैं, इसलिए समिति के सदस्यों ने जुर्माना लगाने और ऐसे छात्रों से मेडिकल प्रमाण-पत्र मांगने का फैसला किया है.’

15 सदस्यीय समिति का हिस्सा डॉ. स्नेहल जोशी ने कहा, ‘हमने ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करने का फैसला किया है. उन्हें 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा और उन्हें अपने कॉलेज के प्रिंसिपलों को मनोचिकित्सक से मेडिकल प्रमाण-पत्र जमा करना होगा.’

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