बीते सितंबर महीने में भाजपा के लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी ने सदन में अपने संसद सहयोगी बसपा के दानिश अली के ख़िलाफ़ मुस्लिम विरोधी अपशब्दों का इस्तेमाल किया था. इसकी शिकायत उन्होंने दर्ज कराई थी. इसके जवाब में भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने अली के ख़िलाफ़ ‘प्रधानमंत्री को लेकर आपत्तिजनक और निंदनीय टिप्पणी’ करने का आरोप लगाया था.
नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली ने बीते शुक्रवार (1 दिसंबर) को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर विशेषाधिकार समिति के एक नोटिस का विरोध किया है. इस नोटिस में समिति ने उन्हें 7 दिसंबर को उसके सामने पेश होने और ‘सदन में चंद्रयान-3 मिशन पर चर्चा के दौरान कथित कदाचार’ के लिए मौखिक सबूत देने के लिए कहा है.
भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा अपने खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणी करने के मामले में उनकी शिकायत और भाजपा सांसदों द्वारा उनके (अली) खिलाफ की गईं शिकायतों को समिति द्वारा एक साथ जोड़ने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए अली ने कहा कि अब ‘पीड़ित को आरोपी बनाकर ध्यान भटकाने का एक दुखद प्रयास किया जा रहा है’.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, दानिश अली ने ओम बिड़ला को लिखे अपने पत्र में कहा है, ‘महोदय, सबसे पहले मैं अपनी शिकायत को रमेश बिधूड़ी द्वारा लगाए गए मनगढ़ंत, निराधार और ध्यान भटकाने वाले आरोपों के साथ जोड़ने पर आश्चर्य व्यक्त करना चाहता हूं, जिनके खिलाफ मेरी पिछली और मूल शिकायत 22 सितंबर 2023 को दर्ज की गई थी.’
उनका पत्र लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार और नैतिकता शाखा के एक अधिकारी के 21 नवंबर के नोटिस के जवाब में था, जिसमें उनसे समिति के सामने उपस्थित होने के लिए कहा गया है.
सितंबर में संसद के विशेष सत्र के आखिरी दिन भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी और बसपा सांसद दानिश अली के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी. बाद में अली ने बिधूड़ी के खिलाफ ‘आपत्तिजनक भाषा’ का इस्तेमाल करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी.
मालूम हो कि भाजपा के लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी ने बीते 21 सितंबर को सदन में एक चर्चा के दौरान अपने संसद सहयोगी बसपा के दानिश अली के खिलाफ हिंसक मुस्लिम विरोधी अपशब्दों का इस्तेमाल किया था. बिधूड़ी के शब्दों को लोकसभा की कार्यवाही के हिस्से के रूप में प्रसारित किया गया था.
कार्यवाही के दौरान बिधूड़ी को चिल्लाते हुए सुना जा सकता है, ‘ये उग्रवादी, ये आतंकवादी है, उग्रवादी है, ये आतंकवादी है.’ उन्होंने कथित तौर पर अली को ‘मुल्ला आतंकवादी, भड़वा (दलाल) और कटुआ’ भी कहा.
बिधूड़ी ने यह भी कहा था, ‘बाहर फेंको इस मुल्ले को.’
न्याय का उपहास होगा: अली
द हिंदू के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष को लिख अपने पत्र में अली ने कहा, ‘यह अपमानजनक है. यह न्याय का उपहास होगा अगर विशेषाधिकार समिति मेरे खिलाफ मनगढ़ंत, दुर्भावनापूर्ण और स्पष्ट रूप से सोची-समझी शिकायतों को आधार बनाकर बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहती है.’
उन्होंने लिखा, ‘उन्होंने (बिधूड़ी) मुझे भड़वा (दलाल), कटुआ (मेरी मुस्लिम पहचान के लिए अपमानजनक संदर्भ), मुल्ला उग्रवादी (मुस्लिम चरमपंथी) और आतंकवादी कहा था.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने आपसे त्वरित, सख्त और अनुकरणीय कार्रवाई की उम्मीद करते हुए रमेश बिधूड़ी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, ताकि भारतीय लोकतंत्र के गर्भगृह में किसी भी सदस्य द्वारा अभद्र भाषा को दोहराने से रोका जा सके.’
हालांकि बिधूड़ी की टिप्पणियों को सदन के रिकॉर्ड से हटा दिया गया था, कई विपक्षी नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव डाला था.
जब अध्यक्ष ने मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजा तो भाजपा के निशिकांत दुबे ने अली के खिलाफ जवाबी शिकायत दर्ज कराई और उन पर ‘प्रधानमंत्री के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक और निंदनीय टिप्पणी’ करने का आरोप लगाया.
अपने पत्र में इसका खंडन करते हुए दानिश अली ने अध्यक्ष से उस दिन के वीडियो फुटेज को उसकी प्रतिलेखों (Transcript) के साथ विशेषाधिकार समिति के सदस्यों के बीच प्रसारित करने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा, ‘यह प्रचारित किए जा रहे झूठ को उजागर करेगा और वास्तविक अपराधी की पहचान करके मामलों को स्पष्ट करने में मदद करेगा. यह मामला सदन की गरिमा की रक्षा से जुड़ा है और इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि सदन के रिकॉर्ड को सख्ती से देखें और तथ्यों के आधार पर त्वरित निर्णय लें.’
मालूम हो कि सितंबर महीने में ही दानिश अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा अपने खिलाफ ‘असंसदीय भाषा’ के इस्तेमाल की ओर उनका ध्यान आकर्षित करते हुए उनके लिए सजा की मांग की थी.
अली ने प्रधानमंत्री से बिधूड़ी के व्यवहार की निंदा करते हुए सार्वजनिक बयान देने का आग्रह किया था और घटना के बाद सदन के अंदर और बाहर उन्हें मिल रहीं धमकियों के मद्देनजर अपने लिए सुरक्षा भी मांगी थी.