झारखंड के खूंटी ज़िले में पत्रकार सोनू अंसारी और यूट्यूबर गुंजन कुमार के ख़िलाफ़ कथित तौर पर सरकारी काम में बाधा डालने का केस दर्ज किया गया है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि उत्तराखंड के सिल्कयारा सुरंग ढहने के करीब दो सप्ताह बाद प्रशासन ने इसमें फंसे श्रमिक विजय होरो के ग़रीब परिवार को राशन उपलब्ध कराया था.
नई दिल्ली: उत्तराखंड के सिल्कयारा सुरंग में फंसे एक श्रमिक के परिवार की दुर्दशा फिल्माने के बाद कथित तौर पर सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में झारखंड के खूंटी जिले में एक स्थानीय पत्रकार और एक यूट्यूबर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
मालूम हो कि सिल्कयारा में बीते 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से फंसे 41 श्रमिकों को 17 दिनों के कड़े संघर्ष के बाद बीते 28 नवंबर को सुरक्षित बाहर निकाला गया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तोरपा के उपमंडलीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) ओमप्रकाश तिवारी ने बताया कि खंड विकास अधिकारी स्मिता नागेशिया और सर्कल अधिकारी वंदना भारती की शिकायत के आधार पर पत्रकार सोनू अंसारी और यूट्यूबर गुंजन कुमार के खिलाफ कर्रा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है.
एसडीपीओ ने कहा, ‘उन्होंने कथित तौर पर सरकारी काम में बाधाएं पैदा कीं और अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया.’ बीते 30 नवंबर को दर्ज की गई पुलिस शिकायत में आरोप लगाया गया कि जब दोनों अधिकारी सुरंग में फंसे श्रमिक के वापस लौटने पर श्रमिक के घर गए, तो दोनों पत्रकार पहले से ही वहां मौजूद थे.
शिकायत के अनुसार, ‘उन्होंने सच्चाई की पुष्टि किए बिना रिकॉर्डिंग शुरू कर दी. जब उनसे सच्चाई की पुष्टि करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने हमारे काम में बाधा उत्पन्न की और हमारे साथ दुर्व्यवहार किया.’
तिवारी ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुसार, उन दोनों को नोटिस जारी किया जाएगा और उनके बयान दर्ज किए जाएंगे. उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.’
वहीं, अंसारी और कुमार ने दावा किया कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट के माध्यम से विजय होरो के परिवार की स्थिति को उजागर किया. अपनी रिपोर्ट में उन्होंने आरोप लगाया कि 12 नवंबर को सुरंग ढहने के दो सप्ताह बाद प्रशासन ने गरीब परिवार को राशन उपलब्ध कराया था.