बसपा सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी नियुक्त किया

यह घोषणा आगामी 2024 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की रविवार को हुई एक बैठक के दौरान की गई. बैठक में मौजूद पार्टी नेताओं ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाया है और उन्हें उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों में पार्टी को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी दी है.

आकाश आनंद. (फोटो साभार: फेसबुक)

यह घोषणा आगामी 2024 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की रविवार को हुई एक बैठक के दौरान की गई. बैठक में मौजूद पार्टी नेताओं ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाया है और उन्हें उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों में पार्टी को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी दी है.

आकाश आनंद. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया है. 2019 में मायावती के लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान एक प्रमुख चेहरा रहे आकाश पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह घोषणा आगामी 2024 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की एक बैठक के दौरान की गई. बैठक में मौजूद पार्टी नेताओं ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाया है और उन्हें उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी है.

रविवार को बैठक में मौजूद रहे पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘हमारी नेता (मायावती) ने कहा है कि आकाश आनंद भविष्य में उनके उत्तराधिकारी होंगे. उन्होंने उन्हें उन राज्यों में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी भी दी है, जहां पार्टी कमजोर है. उन्होंने यह भी कहा कि वह यूपी और उत्तराखंड में पार्टी का नेतृत्व करती रहेंगी और आनंद अन्य राज्यों में पार्टी का नेतृत्व करेंगे.’

मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में पार्टी की चुनावी तैयारियों की देखरेख की है.

पदयात्राएं और प्रदर्शन आयोजित न करने की पार्टी की सामान्य रणनीति से हटकर अगस्त में आकाश ने राजस्थान में 14 दिवसीय पदयात्रा का नेतृत्व किया था, जहां वह पिछले साल से पार्टी मामलों के प्रभारी हैं. हालांकि पार्टी यहां छह सीटें जीतने के अपने 2018 के प्रदर्शन की बराबरी करने में विफल रही, वह केवल सादुलपुर और बारी सीटों पर ही कब्जा कर सकी.

आकाश ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के चुनाव अभियान में भी भूमिका निभाई थी. जून में बसपा प्रमुख मायावती ने उन्हें और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम को इन राज्यों के केंद्रीय समन्वयक के रूप में तैनात किया था, ताकि दलितों, धार्मिक अल्पसंख्यकों, ओबीसी और आदिवासियों से संबंधित मुद्दों पर चुनाव अभियान की तैयारी और शुरुआत की जा सके.

बीते 9 अगस्त को आकाश ने भोपाल में पैदल मार्च का नेतृत्व किया था. इस दौरान हाशिये पर पड़े लोगों के मुद्दे उठाते हुए राजभवन का घेराव करने की कोशिश की गई थी. हालांकि तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में अपना खाता खोलने में नाकाम रही.

वंशवादी राजनीति की बड़ी आलोचक रहीं मायावती ने इससे पहले 2019 में अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था और भतीजे आकाश को राष्ट्रीय समन्वयक बनाया था.

मालूम हो कि यह घटनाक्रम लोकसभा सांसद दानिश अली को बसपा से निलंबित किए जाने के एक दिन बाद आया है, जो हाल ही में सदन में भाजपा के लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा हिंसक मुस्लिम विरोधी अपशब्दों का शिकार बने थे.

बसपा ने अपने लोकसभा सांसद दानिश अली को ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ में शामिल होने का आरोप लगाने और तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने के प्रस्ताव के विरोध में अन्य विपक्षी सदस्यों के साथ बीते शुक्रवार (8 दिसंबर) को लोकसभा की कार्यवाही से बाहर निकलने के बाद निलंबित कर दिया था.