राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने एमबीबीएस 2020-21 बैच को परीक्षा के लिए एक अतिरिक्त प्रयास की अनुमति दी

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने उन एमबीबीएस छात्रों को एक अतिरिक्त मौका देने की अनुमति दे दी है, जो शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान मेडिकल कॉलेजों में भर्ती हुए और कोविड-19 महामारी के कारण अपनी पहली व्यावसायिक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके थे. यह ढील सिर्फ़ एक बार का उपाय होगा.

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग. (प्रतीकात्मक फोटो साभार: nmc.org.in)

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने उन एमबीबीएस छात्रों को एक अतिरिक्त मौका देने की अनुमति दे दी है, जो शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान मेडिकल कॉलेजों में भर्ती हुए और कोविड-19 महामारी के कारण अपनी पहली व्यावसायिक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके थे. यह ढील सिर्फ़ एक बार का उपाय होगा.

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग. (प्रतीकात्मक फोटो साभार: nmc.org.in)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने बीते सोमवार (11 दिसंबर) को उन एमबीबीएस छात्रों को एक अतिरिक्त प्रयास की अनुमति दी, जो शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान मेडिकल कॉलेजों में भर्ती हुए थे और कोविड-19 महामारी के कारण अपनी पहली व्यावसायिक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक नोटिस के अनुसार, यह ढील एक बार का उपाय होगा और भविष्य में इसे प्राथमिकता के रूप में नहीं माना जाएगा.

एनएमसी ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा, ‘राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने ऐसे एमबीबीएस छात्रों को एक अतिरिक्त प्रयास (पांचवें प्रयास) की अनुमति देने का निर्णय लिया, जो शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान मेडिकल कॉलेजों में भर्ती हुए थे और अपनी पहली पेशेवर एमबीबीएस परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके, क्योंकि यह बैच भी कोविड-​​19 महामारी से प्रभावित था.’

इसी बीच, एनएमसी ने संसद को यह भी सूचित किया है कि अखिल भारतीय कोटा के तहत कुल 485 स्नातक (यूजी) और 247 स्नातकोत्तर (पीजी) मेडिकल सीटें वर्तमान में खाली हैं.