जम्मू-कश्मीर के अखनूर शहर के पास टांडा में एक सेना इकाई के अंदर संतरी ड्यूटी पर तैनात एक अग्निवीर की मंगलवार शाम संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई. अभी तक यह ज्ञात नहीं है कि गोली कैसे लगी, हालांकि पुलिस ने आतंकी एंगल से इनकार किया है.
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के अखनूर शहर के पास टांडा में एक सेना इकाई के अंदर संतरी ड्यूटी पर तैनात एक अग्निवीर की मंगलवार शाम संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने घटना की पुष्टि की है और कहा है कि विवरण की प्रतीक्षा है. हालांकि, पुलिस ने आतंकी एंगल से इनकार किया है.
जब अग्निवीर ड्यूटी पर था, तो शाम को यूनिट के अन्य लोगों ने गोली चलने की आवाज सुनी. वे उस ओर दौड़े जहां से आवाज आई थी और उन्हें घायल अवस्था में पड़ा हुआ पाया. उन्हें पास के सैन्य अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि अग्निवीर को गोली कैसे लगी – क्या यह आकस्मिक गोलीबारी थी, उन्होंने अपने हथियार से कथित आत्महत्या की या यूनिट के अंदर किसी अन्य कर्मी द्वारा गोली मारी गई.
मालूम हो कि जम्मू कश्मीर में बीते 11 अक्टूबर को अग्निवीर योजना के तहत भर्ती जवान अमृतपाल सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी. उनके अंतिम संस्कार के दौरान सेना द्वारा ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ नहीं दिए जाने पर विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना भी की थी.
अग्निपथ योजना की घोषणा जून 2022 में की गई थी, जिसमें साढ़े 17 से 23 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित करने की बात कही गई थी. इसके तहत भर्ती होने वाले जवानों को अग्निवीर नाम दिया गया है.