विश्व स्तर पर सड़क यातायात मृत्यु दर में गिरावट आई है, लेकिन भारत में वृद्धि देखी गई: रिपोर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 और 2021 के बीच दुनिया भर में सड़क यातायात से होने वाली मौतें 5 प्रतिशत घटकर 1.19 लाख सालाना हो गईं. हालांकि, भारत में मृत्यु दर में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. यहां सड़क यातायात से होने वाली मौतों की कुल संख्या 2010 में 1.34 लाख से बढ़कर 2021 में 1.54 लाख हो गई. 

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एएनआई)

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 और 2021 के बीच दुनिया भर में सड़क यातायात से होने वाली मौतें 5 प्रतिशत घटकर 1.19 लाख सालाना हो गईं. हालांकि, भारत में मृत्यु दर में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. यहां सड़क यातायात से होने वाली मौतों की कुल संख्या 2010 में 1.34 लाख से बढ़कर 2021 में 1.54 लाख हो गई.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 और 2021 के बीच दुनिया भर में (जिसमें 108 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश भी हैं) सड़क यातायात से होने वाली मौतें 5 प्रतिशत घटकर 1.19 लाख सालाना हो गईं. हालांकि, भारत में इस मामले में मृत्यु दर में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क सुरक्षा 2023 पर डब्ल्यूएचओ की वैश्विक स्थिति रिपोर्ट से पता चलता है कि, भारत में सड़क यातायात से होने वाली मौतों की कुल संख्या 2010 में 1.34 लाख से बढ़कर 2021 में 1.54 लाख हो गई.

रिपोर्ट के अनुसार, 10 देश, जिसमें बेलारूस, ब्रुनेई दारुस्सलाम, डेनमार्क, जापान, लिथुआनिया, नॉर्वे, रूसी संघ, त्रिनिदाद और टोबैगो, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला शामिल हैं, अपने यहां सड़क यातायात से होने वाली मौतों को 50 प्रतिशत से अधिक कम करने में सफल रहे. 35 और देशों ने उल्लेखनीय प्रगति की, जहां सड़क यातायात से होने वाली मौतों में 30% से 50% की कमी आई.

2019 तक, सड़क यातायात दुर्घटनाएं पांच से 29 वर्ष की आयु के बच्चों और युवाओं की प्रमुख हत्या रही हैं और जब सभी उम्र पर विचार किया जाता है तो ये मृत्यु का 12वां प्रमुख कारण हैं. दो-तिहाई मौतें कामकाजी उम्र के लोगों में होती हैं.

पिछले दशक में सड़क यातायात से होने वाली मौतों की कुल संख्या में 5 प्रतिशत की कमी के साथ-साथ वैश्विक आबादी में लगभग 14 अरब या लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

इसका मतलब है कि सड़क मृत्यु दर 2010 में प्रति 1 लाख लोगों पर 18 से घटकर 2021 में प्रति 1 लाख पर 15 हो गई है, जो 2010 के बाद से सड़क यातायात मृत्यु दर में 16% की गिरावट बताता है.

यह भी कहा गया है कि इसी अवधि के दौरान वैश्विक मोटर वाहन बेड़े में भी 2010 के बाद से 160 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसलिए प्रति 1 लाख वाहनों पर वार्षिक मृत्यु दर 79 मौतों से गिरकर 47 मौतों तक पहुंच गई, जो कि 41 प्रतिशत की कमी है.

डब्ल्यूएचओ के रिपोर्ट से पता चलता है कि वैश्विक सड़क यातायात से होने वाली मौतों में से 28 प्रतिशत दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में, 25 प्रतिशत पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में, 19 प्रतिशत अफ्रीकी क्षेत्र में, 12 प्रतिशत अमेरिका के क्षेत्र में, 11 प्रतिशत पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र और 5 प्रतिशत यूरोपीय क्षेत्र में हुईं.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘10 में से 9 मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं. इन देशों में वाहनों और सड़कों की संख्या के मुकाबले मौतें अनुपातहीन रूप से अधिक होती हैं. उच्च आय वाले देशों की तुलना में कम आय वाले देशों में मृत्यु का जोखिम तीन गुना अधिक है, फिर भी कम आय वाले देशों में दुनिया के केवल 1% मोटर वाहन हैं.’

इसमें कहा गया है कि विश्व स्तर पर चार-पहिया वाहन में सवार लोग 30 प्रतिशत मौतों का सामना करते हैं. इसके बाद पैदल चलने वालों का नंबर आता है, जो मृत्यु का 23 प्रतिशत हिस्सा हैं. दोपहिया और तिपहिया वाहन चलाने वालों की मौत 21 प्रतिशत है. 6 प्रतिशत मौतों में साइकिल चालक शामिल हैं, जबकि 3 प्रतिशत मौतें ई-स्कूटर सहित माइक्रो-मोबिलिटी उपकरणों के उपयोगकर्ताओं के बीच होती हैं.

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