कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते सितंबर माह में भारत सरकार पर अपने एक नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए थे. बीते नवंबर महीने में अमेरिका ने भी एक भारतीय अधिकारी पर अपने एक नागरिक की हत्या की साजिश रचने को लेकर सबूत जारी किए थे.
नई दिल्ली: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि वह एक कनाडाई नागरिक की हत्या और भारत सरकार के बीच संभावित संबंधों से जुड़े सबूतों का उसी तरह खुलासा करने का इरादा रखते हैं, जैसा दृष्टिकोण अपनाकर अमेरिका ने किया था. उन्होंने कहा कि ऐसा वे तब करेंगे, जब जांच के जरूरी बिंदुओं तक पहुंच जाएंगे.
कनाडाई प्रधानमंत्री का बयान ऐसे समय आया है, जब पिछले हफ्ते भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में कहा था कि भारत ने कनाडा और अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दी थी, क्योंकि अमेरिका के विपरीत कनाडा ने कोई सबूत नहीं दिया था.
उन्होंने पिछले गुरुवार (7 दिसंबर) को राज्यसभा में कहा था, ‘जहां तक अमेरिका का सवाल है, उसके साथ हमारे सुरक्षा सहयोग के हिस्से के रूप में हमें कुछ इनपुट दिए गए थे. वे इनपुट हमारे लिए चिंता का विषय थे, क्योंकि वे संगठित अपराध, तस्करी और अन्य मामलों के गठजोड़ से संबंधित थे.’
जयशंकर ने दावा किया था कि कनाडा ने कोई ‘विशिष्ट साक्ष्य या इनपुट’ प्रदान नहीं किए हैं. उन्होंने कहा था, ‘इसलिए दोनों देशों के साथ समान व्यवहार का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि उनमें से एक ने इनपुट प्रदान किए हैं और दूसरे ने नहीं.’
कनाडाई प्रेस को दिए साक्षात्कार में ट्रूडो ने यह भी बताया कि अमेरिकी जांचकर्ताओं ने हत्या के प्रयास की जांच बहुत पहले ही शुरू कर दी थी.
उन्होंने कहा, ‘कनाडा एक हत्या की जांच कर रहा है और इसमें अलग-अलग हिस्से शामिल हैं और हमारी न्याय प्रणाली की प्रक्रिया अलग है, लेकिन सब सामने आ रहा है.’
वह अमेरिका के एक सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास की साजिश का जिक्र कर रहे थे, जैसा कि अमेरिकी जांचकर्ताओं द्वारा दायर अदालती दस्तावेजों में बताया गया है. वहीं, कनाडा सरकार ने भारत सरकार के एजेंटों पर 18 जून को कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है, जिसे भारत ने आतंकवादी घोषित किया था.
आरोपों के जवाब में भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए सभी वीज़ा सेवाएं बंद कर दी थीं और राजनयिक प्रतिनिधित्व में समानता की मांग की थी, जिसके कारण कनाडा को अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाना पड़ा था.
साजिश के आरोपों को लेकर भारत की ओर से अमेरिकी प्रशासन को ऐसी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी. इसके बजाय अमेरिका द्वारा बार-बार जवाबदेही की मांग करने के बाद भारत सरकार ने एक जांच समिति का गठन किया था.
कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो ने उल्लेख किया कि उन्होंने 18 सितंबर को कनाडाई संसद के निचले सदन में घोषणा करने का फैसला किया, क्योंकि उन्हें जानकारी मीडिया द्वारा लीक हो जाने की उम्मीद थी. ग्लोब एंड मेल पहले ही इस पर रिपोर्ट करने के लिए तैयार थे.
ट्रूडो ने कहा कि उनका सार्वजनिक बयान कई हफ्तों की ‘शांत कूटनीति’ के बाद आया, जिसमें नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 16 मिनट की निजी बातचीत भी शामिल थी. उन्होंने माना कि वो बातचीत रचनात्मक नहीं थी.
उन्होंने कहा, ‘हमें लगा कि सभी शांत कूटनीति और हमारे द्वारा किए गए सभी उपायों को आगे ले जाने की जरूरत थी, शायद सार्वजनिक रूप से जोर से कहने की कि हम जानते हैं और हमारे पास यह मानने के विश्वसनीय कारण हैं कि इसके पीछे भारत सरकार थी.’
ट्रूडो ने यह भी उल्लेख किया कि कनाडा ने भारत को यह खुलासा करने की चेतावनी भी दी थी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत को बताया गया था कि कनाडा ने जी-20 शिखर सम्मेलन तक चीजों को राजनयिक स्तर पर ही रखा, लेकिन अब वह और नियंत्रण नहीं रख सकता.
मालूम हो कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते 18 सितंबर को कनाडाई संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) में एक सनसनीखेज बयान में दावा किया था कि उनके देश की सुरक्षा एजेंसियों के पास ‘विश्वसनीय’ खुफिया जानकारी है कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ था.
निज्जर की 19 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा था कि उन्होंने इस मुद्दे को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ‘स्पष्ट रूप से’ उठाया था. उनके आरोपों का भारत ने खंडन किया था.
इसी तरह बीते 29 नवंबर को अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में विस्फोटक आरोप दायर किए थे, जिसमें बताया गया है कि कैसे एक ‘भारतीय सरकारी कर्मचारी’ के आदेश पर खालिस्तान समर्थक संगठन चलाने वाले एक अमेरिकी नागरिक को मारने की साजिश को अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने विफल कर दिया गया था.
जिस अमेरिकी व्यक्ति की हत्या की योजना बनाने का आरोप लगाया है, अभियोग में उसे केवल ‘पीड़ित’ कहा गया है. हालांकि जाहिर तौर पर ये व्यक्ति गुरपतवंत सिंह पन्नू हैं, जो भारत में प्रतिबंधित समूह सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख हैं.
अमेरिकी अभियोजकों द्वारा पहचाने गए साजिशकर्ताओं में एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता और एक भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसे आरोपों में ‘सीसी-1’ नाम दिया गया है, शामिल हैं. दोनों भारत में थे और यहीं से ऑपरेशन का निर्देशन कर रहे थे.
अभियोग में 18 जून 2023 को कनाडा में खालिस्तानी कार्यकर्ता हरदीप निज्जर की हत्या में भारतीय अधिकारी की संलिप्तता के बारे में जानकारी भी शामिल है.
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