पीएम मोदी की नीतियों के चलते जारी बेरोज़गारी संसद की सुरक्षा में सेंध का कारण: राहुल गांधी

बीते 13 दिसंबर को दो व्यक्तियों ने लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूदने के बाद गैस कनस्तर खोल दिए थे. इस घटना को लेकर कम से कम छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. गिरफ़्तार लोगों में से कम से कम तीन बेरोज़गार हैं. इनमें से दो के परिवारों का कहना है कि वे नौकरी नहीं मिलने से निराश थे.

राहुल गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक)

बीते 13 दिसंबर को दो व्यक्तियों ने लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूदने के बाद गैस कनस्तर खोल दिए थे. इस घटना को लेकर कम से कम छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. गिरफ़्तार लोगों में से कम से कम तीन बेरोज़गार हैं. इनमें से दो के परिवारों का कहना है कि वे नौकरी नहीं मिलने से निराश थे.

राहुल गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी वजह से देश में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी है.

इस घटना को लेकर यह उनकी पहली टिप्पणी है.

पत्रकारों से बात करते हुए राहुल ने कहा, ‘लोकसभा में (सुरक्षा का) उल्लंघन क्यों हुआ? बेरोजगारी इस समय देश का सबसे बड़ा मुद्दा है. मोदीजी की नीतियों के कारण भारत के युवाओं को नौकरी नहीं मिल पा रही है. (संसद की सुरक्षा का) उल्लंघन जरूर हुआ है, लेकिन इसके पीछे बेरोजगारी और महंगाई कारण हैं.’

मालूम हो कि संसद सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से कम से कम तीन बेरोजगार हैं और दो के परिवारों का कहना है कि वे नौकरी नहीं मिलने से निराश थे. घटना में शामिल 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

मैसूरु निवासी इंजीनियरिंग स्नातक मनोरंजन डी. (33 वर्ष) एक आईटी फर्म में काम करते थे, अब खेती में अपने पिता की मदद कर रहे थे; लातूर के अमोल शिंदे (25 वर्ष) सेना भर्ती में असफल रहे थे और जींद की नीलम आजाद (37 वर्ष) एक प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक की नौकरी के लिए असफल रही थीं. मामले के चौथे आरोपी लखनऊ के सागर शर्मा (25 वर्ष) ई-रिक्शा चलाते थे.

नीलम आजाद की मां सरस्वती ने कहा था, ‘हम समृद्ध परिवार से नहीं हैं, लेकिन फिर भी हमने उसे पढ़ाया. घर पर वह कहा करती थी कि मैंने बेवजह ही बहुत पढ़ाई की लेकिन नौकरी नहीं मिली. इच्छे अच्छा होता कि मैं मर जाती.’

अमोल की मां ने कहा था कि सेना भर्ती में असफल होने के कारण वह उदास था.

उन्होंने कहा था, ‘हम नहीं जानते कि किस कारण से उसने ऐसा किया, लेकिन वह निराश महसूस कर रहा था. अपने कई प्रयासों के बावजूद वह सफल नहीं हो पा रहा था. वह कहा करता था कि मेरी पढ़ाई और तैयारी का क्या फायदा जब मैं नौकरी नहीं पा रहा हूं.’

मालूम हो कि बीते 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में तब गंभीर चूक देखी गई, जब दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूद गए और धुएं के कनस्तर (Gas Canisters) खोल दिए थे, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो गई. मनोरंजन डी. और सागर शर्मा नामक व्यक्तियों ने सत्तारूढ़ भाजपा के मैसुरु सांसद प्रताप सिम्हा से अपना विजिटर्स पास प्राप्त किया था.

इन दोनों आरोपियों के अलावा संसद परिसर में रंगीन धुएं का कनस्टर खोलने और नारेबाजी करने की आरोपी नीलम आजाद और अमोल शिंदे को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में विशाल शर्मा उर्फ विक्की नामक 5वां आरोपी बाद में गुड़गांव स्थित आवास आवास से पकड़ा गया था.

इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया था. विपक्ष ने इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान और लोकसभा और राज्यसभा दोनों में चर्चा पर जोर दिया है.

मालूम हो कि घटना के अगले दिन 14 दिसंबर को गृहमंत्री अमित शाह से बयान की मांग करने पर विपक्ष के 15 सांसदों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था.

विपक्षी सांसद इस मामले पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष सहमत नहीं हुए. जैसे ही सत्ता पक्ष ने कार्यवाही को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, विपक्षी सांसद अपनी मांग के समर्थन में वेल में आ गए और नारे लगाने लगे.

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को सदन की कार्यवाही को बाधित करने के चलते शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. वहीं, लोकसभा में भी यही हवाला देते हुए 14 सांसद निलंबित कर दिए गए थे.