संसद की सुरक्षा में सामने आई चूक के मामले में गृहमंत्री अमित शाह से बयान की मांग करने पर विपक्ष के 13 सांसदों को बीते 14 दिसंबर को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था. विपक्षी सांसद इस मामले पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष सहमत नहीं हुए थे.
नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार (17 दिसंबर) को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर पिछले हफ्ते संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर विरोध प्रदर्शन करने के दौरान निलंबित किए गए 13 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द करने का आग्रह किया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चौधरी ने लिखा, ‘चूंकि मामले की गंभीरता इस तथ्य में निहित है, जो हमारी अपनी सुरक्षा से संबंधित है, इसलिए विपक्ष के सदस्यों का कर्तव्य है कि वे सरकार से स्पष्टीकरण मांगें और अपेक्षा करें कि तत्काल सुधारात्मक उपाय किए जाएं.’
पत्र में उन्होंने कहा, ‘मामले की संवेदनशीलता और इसमें शामिल मुद्दों के कारण ‘माहौल गर्म’ हो सकता है और जब सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए मामले हाथ से बाहर निकल जाएं को सदन की ‘गरिमा और मर्यादा’ के संरक्षक के तौर पर आप उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए बाध्य हैं.’
उन्होंने लिखा, ‘हालांकि, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि जिन सदस्यों को ‘गलत आचरण’ के कारण निलंबित किया गया है, वे एक बेहद चिंतित करने वाले मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण के लिए दबाव डाल रहे थे.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे उनकी चिंताओं और दृष्टिकोण पर उनकी बात सुनना उचित प्रतीत होता है. उन कारकों पर विचार करते हुए जिनके चलते हाल के दिनों में 13 सदस्यों को निलंबित किया गया. मैं आग्रह करूंगा कि मामले पर समग्र रूप से फिर से विचार किया जाए और निलंबन को रद्द करने और सदन में व्यवस्था बहाल करने के लिए उचित कार्रवाई की जाए.’
यह पत्र लोकसभा अध्यक्ष द्वारा सभी सांसदों को लिखे पत्र के एक दिन बाद आया है, जिसमें उनसे सदन की गरिमा और मर्यादा को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया था.
विपक्षी सांसदों ने संसद की सुरक्षा में चूक पर चर्चा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बयान की मांग करते हुए गुरुवार और शुक्रवार (15 दिसंबर) को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही रोक दी थी. उन्होंने सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति और भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की थी, जिन्होंने लोकसभा में दर्शक दीर्घा से कूदने और गैस कनस्तर खोलने वाले दो लोगों को पास उपलब्ध कराए थे.
सुरक्षा चूक का जिक्र करते हुए चौधरी ने अपने पत्र में कहा कि यह घटना 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले से अलग प्रकृति की थी.
उन्होंने लिखा, ‘फिर भी 13 दिसंबर 2023 की घटना ने उन संस्थानों की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को सामने ला दिया है, जो हमारी लोकतांत्रिक प्रथाओं और लोकाचार का मूल हैं.’
उन्होंने पत्र में याद कराया है, ‘13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हमले के बाद तत्कालीन गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने सदन में घटना पर एक विस्तृत बयान दिया था. वर्तमान घटना में भी गृहमंत्री (अमित शाह) के लिए सदन में बयान देना उचित होगा.’
उन्होंने संसद में आगंतुकों के प्रवेश की प्रक्रियाओं की समीक्षा का सुझाव दिया.
मालूम हो कि बीते 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में तब गंभीर चूक देखी गई, जब दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में कूदने के बाद गैस कनस्तर खोल दिए थे, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो गई थी. मनोरंजन डी. और सागर शर्मा नामक व्यक्तियों ने सत्तारूढ़ भाजपा के मैसुरु सांसद प्रताप सिम्हा से लोकसभा में दाखिल होने के लिए विजिटर्स पास प्राप्त किया था.
इन दोनों आरोपियों के अलावा संसद परिसर में रंगीन धुएं का कनस्टर खोलने और नारेबाजी करने की आरोपी नीलम आजाद और अमोल शिंदे को गिरफ्तार किया गया था.
इस मामले में विशाल शर्मा उर्फ विक्की नामक 5वां आरोपी बाद में गुड़गांव स्थित आवास आवास से पकड़ा गया. एक अन्य आरोपी ललित झा ने आत्मसमर्पण कर दिया था. झा के सहयोगी के तौर पर महेश कुमावत को भी गिरफ्तार किया गया है.