पन्नू हत्या साज़िश: पीएम मोदी बोले- हमारे किसी नागरिक ने कुछ अच्छा-बुरा किया है तो ग़ौर करेंगे

ब्रिटेन के फाइनेंशियल टाइम्स अख़बार द्वारा सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साज़िश में भारतीय नागरिकों के शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह टिप्पणी की. उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना का भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: पीआईबी)

ब्रिटेन के फाइनेंशियल टाइम्स अख़बार द्वारा सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साज़िश में भारतीय नागरिकों के शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह टिप्पणी की. उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना का भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: पीआईबी)

नई दिल्ली: अमेरिकी वकील और सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अगर किसी भारतीय नागरिक ने ‘कुछ भी अच्छा या बुरा किया है’ तो सरकार ‘उस पर गौर करने के लिए तैयार है’.

ब्रिटेन के फाइनेंशियल टाइम्स अखबार द्वारा प्रधानमंत्री मोदी से इस संबंध में सवाल पूछा गया था.

अमेरिका पन्नू की हत्या की साजिश की जांच कर रहा है. बीते 29 नवंबर को अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने 15 पन्नों का एक विस्तृत अभियोग जारी किया था, जिसमें भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को इस काम के लिए एक ‘हिटमैन’ को काम पर रखने का मुख्य आरोपी बताया गया है. इस अभियोग में असफल साजिश रचने में भारत सरकार के एक अधिकारी को भी शामिल किया गया था.

मोदी ने मामले पर अपनी पहली स्वीकारोक्ति में यह भी कहा कि इसका भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.

मोदी ने कहा, ‘अगर कोई हमें कोई जानकारी देता है तो हम निश्चित रूप से उस पर गौर करेंगे. अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्छा या बुरा किया है, तो हम उस पर गौर करने के लिए तैयार हैं. हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है.’

हालांकि, पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत ‘विदेश स्थित कुछ चरमपंथी समूहों की गतिविधियों को लेकर बहुत चिंतित है’. उन्होंने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में ये तत्व डराने-धमकाने और हिंसा भड़काने में लगे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कुछ घटनाओं को दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों से जोड़ना उचित है.’

इस बीच गुरपतवंत सिंह पन्नू ने खुद कहा है कि उन्हें अब भी रोजाना सैकड़ों धमकियां मिल रही हैं.

रिश्तों में खटास आने की चिंताओं के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के भारत में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल न होने से चिंताएं और बढ़ गई हैं.

प्रधानमंत्री ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया, ‘इस रिश्ते को शक्तिशाली बनाने के लिए मजबूत द्विदलीय समर्थन है, जो एक परिपक्व और स्थिर साझेदारी का स्पष्ट संकेतक है. सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग हमारी साझेदारी का एक प्रमुख घटक रहा है.’

मालूम हो कि बीते 29 नवंबर को अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में विस्फोटक आरोप दायर किए थे, जिसमें बताया गया है कि कैसे एक ‘भारतीय सरकारी कर्मचारी’ के आदेश पर खालिस्तान समर्थक संगठन चलाने वाले एक अमेरिकी नागरिक को मारने की साजिश को अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने विफल कर दिया गया था.

जिस अमेरिकी व्यक्ति की हत्या की योजना बनाने का आरोप लगाया है, अभियोग में उसे केवल ‘पीड़ित’ कहा गया है. हालांकि जाहिर तौर पर ये व्यक्ति गुरपतवंत सिंह पन्नू हैं, जो भारत में प्रतिबंधित समूह सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख हैं.

अमेरिकी अभियोजकों द्वारा पहचाने गए साजिशकर्ताओं में एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता और एक भारतीय सरकारी कर्मचारी,​ जिसे आरोपों में ‘सीसी-1’ नाम दिया गया है, शामिल हैं. दोनों भारत में थे और यहीं से ऑपरेशन का निर्देशन कर रहे थे.

अभियोग में 18 जून 2023 को कनाडा में खालिस्तानी कार्यकर्ता हरदीप निज्जर की हत्या में भारतीय अधिकारी की संलिप्तता के बारे में जानकारी भी शामिल है.

इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते 18 सितंबर को कनाडाई संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) में एक सनसनीखेज बयान में दावा किया था कि उनके देश की सुरक्षा एजेंसियों के पास ‘विश्वसनीय’ खुफिया जानकारी है कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ था.

निज्जर की 19 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा था कि उन्होंने इस मुद्दे को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ‘स्पष्ट रूप से’ उठाया था. हालांकि उनके आरोपों का भारत ने खंडन किया था.

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