एमपी: शाजापुर में स्कूल के बच्चों के सांता की ड्रेस पहनने के लिए माता-पिता की मंज़ूरी ज़रूरी

मध्य प्रदेश के शाजापुर के ज़िला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि यह स्कूलों में किसी भी कार्यक्रम पर प्रतिबंध नहीं लगाता है. अतीत में माता-पिता द्वारा ऐसी शिकायत करने के मामले सामने आए हैं कि उनके बच्चों को उनकी सहमति के बिना स्कूलों में ऐसे कार्यक्रमों का हिस्सा बनाया जा रहा है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay)

मध्य प्रदेश के शाजापुर के ज़िला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि यह स्कूलों में किसी भी कार्यक्रम पर प्रतिबंध नहीं लगाता है. अतीत में माता-पिता द्वारा ऐसी शिकायत करने के मामले सामने आए हैं कि उनके बच्चों को उनकी सहमति के बिना स्कूलों में ऐसे कार्यक्रमों का हिस्सा बनाया जा रहा है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay)

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किए गए एक आदेश में कहा गया है कि अगर छात्र अपने माता-पिता की अनुमति के बिना क्रिसमस से संबंधित कार्यक्रमों में भाग लेते हैं तो सरकारी और निजी दोनों स्कूलों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इसमें नाटकों या अन्य कार्यक्रमों के लिए सांता क्लॉज या क्रिसमस ट्री के रूप में तैयार होने वाले बच्चे भी शामिल हैं.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, शाजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है, ‘किसी भी अप्रिय स्थिति या घटना को रोकने के लिए माता-पिता की लिखित सहमति के बिना छात्रों को क्रिसमस से संबंधित कार्यक्रमों का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए, जिसमें उन्हें सांता क्लॉज और क्रिसमस ट्री जैसी पोशाकें पहनाना या भूमिकाएं निभाना शामिल है.’

स्कूलों से सर्कुलर को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए कहते हुए कहा गया है, ‘अगर इस संबंध में शिकायतें आईं तो आपके संगठन के खिलाफ एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.’

जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे ने कहा कि पहले भी शिकायतें मिली हैं और यह आदेश स्कूलों में क्रिसमस कार्यक्रमों पर प्रतिबंध नहीं लगाता है.

उन्होंने कहा, ‘सर्कुलर आने वाले त्योहारी सीजन के दौरान स्कूलों में किसी भी कार्यक्रम पर प्रतिबंध नहीं लगाता है. अतीत में माता-पिता द्वारा ऐसी शिकायत करने के मामले सामने आए हैं कि उनके बच्चों को उनकी सहमति के बिना स्कूलों में ऐसे कार्यक्रमों का हिस्सा बनाया जा रहा है. सर्कुलर का उद्देश्य इस तरह की घटनाओं को रोकना है. घटना घटित होने के बाद कार्रवाई करने से बेहतर है कि ऐसे विवादों पर ध्यान दिया जाए.’