घटना बीते 24 दिसंबर रात असम के सोनितपुर ज़िले के एक गांव में हुई. पुलिस ने कहा कि महिला को ज़िंदा जलाकर मार डालने के आरोप में छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इन सभी की उम्र 30 से 35 साल के बीच है. ये कथित तौर पर नशे की हालत में थे, उन्होंने महिला के पति को बांध दिया था और उसे आग लगा दी.
नई दिल्ली: असम के सोनितपुर जिले में जादू-टोना करने के संदेह में एक 30 वर्षीय महिला को कथित तौर पर जलाकर मार डाला गया. पुलिस ने बीते सोमवार (25 दिसंबर) को बताया कि इस सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि यह घटना रविवार (24 दिसंबर) रात जिले के तेजपुर पुलिस थाने के बहबरी गांव में हुई. पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान राम काति की पत्नी संगीता काति के रूप में की गई है.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुशांत बिस्वा शर्मा ने कहा कि घटना के बारे में स्थानीय निवासियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची.
शर्मा ने कहा, ‘महिला को उसी गांव के लोगों के एक समूह ने जिंदा जला दिया था. मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हम उनसे पूछताछ कर रहे हैं और आगे की जांच जारी है. हम जांच कर रहे हैं कि क्या जादू-टोना करने के संदेह में उसकी हत्या की गई थी.’
पुलिस के अनुसार, घटना के बाद महिला को स्थानीय सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसने दम तोड़ दिया.
पुलिस ने गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान अजय संघार, धीरज भगुवार, सूरज भगुवार, पिंकू मल्हार, बैला संघार और बाबुल नागधर के रूप में की है.
पुलिस के मुताबिक, इन सभी की उम्र 30 से 35 साल के बीच है. पुलिस ने कहा कि हमलावर कथित तौर पर नशे की हालत में थे, उन्होंने उसके पति को बांध दिया और बाद में उसे आग लगा दी.
जांच से परिचित एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘उन्हें हत्या, एक महिला को जबरन कैद करने और प्रताड़ित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. जांच आगे बढ़ने पर हम और आरोप जोड़ सकते हैं. उन्हें भी जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा.’
पुलिस ने कहा कि शव को बाद में पोस्टमॉर्टम के लिए तेजपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (टीएमसीएच) भेज दिया गया और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट को मुताबिक, मृतक आदिवासी महिला संगीता काति तीन बच्चों की मां थीं. मृतक के पति राम काति ने संवाददाताओं को बताया कि जब उनकी पत्नी खाना बना रही थी, तभी हमलावरों ने उनके घर पर धावा बोला था.
काति ने कहा, ‘उन्होंने उस पर डायन होने का आरोप लगाया और उसकी पिटाई की. मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे उसे न पीटें, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी. मुझे भी पीटा गया.’
काति ने आगे कहा, ‘जब मेरे तीन बच्चे हमें पिटते हुए देखकर रो रहे थे, तो मैं उन्हें अपने साथ लेकर पास में रहने वाले अपने भाई के घर छोड़ने के लिए बाहर गया. जब लौटा तो मैंने देखा कि मेरे घर में आग लगी हुई है.’