भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव को लेकर हुए विवाद के बाद पहलवान विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्हें मिला खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटाने की बात कही है. इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने और बजरंग पूनिया ने उनका पद्मश्री पदक लौटाने का ऐलान किया था.
नई दिल्ली: पहलवान विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार अब उनके लिए कोई मायने नहीं रखते, वह उन्हें पदक लौटाना चाहती हैं.
फोगाट ने ट्विटर (अब एक्स) पर साझा किए गए पत्र में लिखा, ‘हर महिला सम्मान के साथ जीना चाहती है. इसीलिए, प्रधानमंत्री जी, मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार आपको लौटाना चाहती हूं – ताकि ये पुरस्कार हमारे सम्मान के साथ जीने की राह पर बोझ न बनें.’
फोगाट और साथी पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया इस साल की शुरुआत में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मुख्य चेहरों में से थे, जिन पर कम से कम सात पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप है.
इससे पहले जब बृजभूषण द्वारा समर्थित संजय सिंह ने गुरुवार (21 दिसंबर) को डब्ल्यूएफआई का चुनाव जीता, तब साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने की बात कही थी और बजरंग पूनिया ने पिछले हफ्ते अपना पद्मश्री पदक लौटा दिया. साथ ही, डेफलंपिक स्वर्ण पदक विजेता वीरेंद्र सिंह यादव ने अपने पदक और पद्मश्री पुरस्कार वापस करने की घोषणा की थी.
मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूँ।
इस हालत में पहुँचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 pic.twitter.com/KlhJzDPu9D
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 26, 2023
प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में फोगाट ने मलिक और पूनिया के फैसलों का जिक्र किया और कहा कि अब उन्हें अपने ही पुरस्कारों से घिन महसूस होती है.
उन्होंने लिखा, ‘मुझे साल 2016 याद है, जब साक्षी मलिक ने ओलंपिक पदक जीता था और आपकी सरकार ने उसे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ (अभियान) का ब्रांड एंबेसडर बनाया था. अब जब मलिक को कुश्ती छोड़नी पड़ी है, तो मुझे लगातार साल 2016 की याद आ रही है. क्या हम महिला एथलीट केवल सरकार के विज्ञापनों पर छपने के लिए ही बनी हैं?’
यह कहते हुए कि महिला एथलीटों का जीवन सरकार के पोस्टरों में उनके चित्रण से भिन्न है, फोगाट ने लिखा, ‘हमारी जिंदगियां उन फैंसी विज्ञापनों जैसी बिल्कुल नहीं है. कुश्ती की महिला पहलवानों ने पिछले कुछ सालों में जो कुछ झेला है, हम घुट-घुटकर जी रही हैं.’
फोगाट ने आगे प्रधानमंत्री से कहा कि वह ‘शोषक’ (बृजभूषण) द्वारा मीडिया में दिए गए बयानों को सुनने के लिए अपने जीवन के केवल पांच मिनट निकालें.
उन्होंने लिखा, ‘उन्होंने महिला पहलवानों की तुलना ‘मंथरा’ से की है, टीवी पर खुले तौर पर महिला पहलवानों को असहज करने की बात कबूल की है और महिला पहलवानों को जलील करने का कोई मौका कभी नहीं छोड़ा है. इससे भी ज्यादा गंभीर बात यह है कि उसने कितनी ही महिला पहलवानों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया है. यह बहुत भयावह है.’
आगे उन्होंने लिखा कि जब हम देश के लिए मेडल जीते थे तो सारे देश ने हमें अपना गौरव बताया. अब जब अपने न्याय के लिए आवाज उठाई तो हमें देशद्रोही बताया जा रहा है. फोगाट ने पूछा, ‘प्रधानमंत्री जी, मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि क्या हम देशद्रोही हैं?’
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि उन्हें नहीं पता था कि जब पूनिया ने भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्मश्री को छोड़ने का फैसला किया था तो वह किस स्थिति में थे, लेकिन अब उन्हें अपने ही पुरस्कारों से घिन महसूस हो रही है.
उन्होंने लिखा, ‘अब मैं पुरस्कार लेती उस विनेश की छवि से छुटकारा पाना चाहती हूं, क्योंकि वह सपना था और जो अब हमारे साथ हो रहा है वह हकीकत है.’
फोगाट ने लिखा, ‘मुझे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार दिया गया था, जिनका अब मेरे जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है.’
मालूम हो कि सार्वजनिक आक्रोश के बाद केंद्रीय खेल मंत्रालय ने बीते 24 दिसंबर को नवगठित भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को यह कहते हुए निलंबित कर दिया था कि ‘नया निकाय पूर्व पदाधिकारियों के पूर्ण नियंत्रण में है.’
बीते 21 दिसंबर को कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष चुने गए संजय सिंह इसके पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं, जिन्हें बाहर करने की मांग भारत के शीर्ष पहलवानों ने की थी.
राहुल गांधी पहलवानों से मिलने पहुंचे
इस बीच, बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा के झज्जर जिले में बजरंग पूनिया सहित देश के प्रमुख पहलवानों से मुलाकात की.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के वरिष्ठ हरियाणा कांग्रेस नेता के अनुसार, राहुल गांधी सुबह-सुबह छारा गांव में ‘वीरेंद्र अखाड़ा’ पहुंचे.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए पूनिया ने कहा, ‘वह (राहुल गांधी) हमारी कुश्ती की दिनचर्या देखने आए थे. उन्होंने कुश्ती की. वह एक पहलवान की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को देखने आए थे.’
#WATCH | Haryana: On Congress MP Rahul Gandhi visits Virender Arya Akhara in Chhara village of Jhajjar district, Wrestling Coach Virendra Arya says, "Nobody told us that he's coming. We were practicing here and he came all of a sudden…He reached here around 6:15 am…He did… pic.twitter.com/j0eLrEz1zX
— ANI (@ANI) December 27, 2023
वहीं, कुश्ती कोच वीरेंद्र आर्य कहा, ‘हमें किसी ने नहीं बताया कि वह आ रहे हैं. हम यहां अभ्यास कर रहे थे और वह अचानक आ गए…वह यहां पहुंच गए. सुबह 6:15 बजे…उन्होंने हमारे साथ कसरत की और फिर उन्होंने हमें अपने व्यायाम और खेल के बारे में बताया. उन्हें खेल के बारे में बहुत जानकारी है… राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं होंगी लेकिन इस मुद्दे पर क्या किया जाएगा? … वह (राहुल गांधी) क्या कर सकते हैं, केवल सरकार ही कुछ कर सकती है.’