बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी के विदाई समारोह को लेकर छात्रों ने किया हंगामा, हुई नारेबाज़ी.
अपने कार्यकाल के दौरान लगातार विवादों में रहे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व उप कुलपति जीसी त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन छात्रों के बीच अपने विचारों को रखा.
साथ ही अपने कार्यकाल में हुई अच्छी-बुरी बातों को भी स्वीकारा.
अमर उजाला की ख़बर के मुताबिक प्रो. त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल में की गई नियुक्तियों को ज़रूरी बताते हुए यह स्वीकार किया कि योग्य लोगों के अभाव में उन्हें कुछ अयोग्य लोगों की भी नियुक्तियां करनी पड़ीं.
प्रो. त्रिपाठी ने यह भी स्वीकार किया कि 80 फीसदी रिक्तियों की तुलना में 85 फीसदी की नियुक्ति की गयीं.
कार्यकाल के आखिरी दिन बीएचयू परिसर में आयोजित विदाई समारोह में प्रो. जीसी त्रिपाठी ने कहा कि नियुक्तियों के समय गलतियां हुईं लेकिन उन्होंने कभी संस्थान की मर्यादा पर कोई आंच नहीं आने दी.
उप कुलपति ने कहा, ‘कभी-कभी कुछ अयोग्य लोग भी चुन लिए जाते हैं, ये मजबूरी है. अगर मैं गलत हूं तो प्रायश्चित भी करने को तैयार हूं.
प्रो. त्रिपाठी ने यह भी कहा कि मेरी कमजोरी है कि मैंने प्राध्यापकों के हितों के संरक्षण के लिए थोड़ी बेईमानी की.
कुलपति की नियुक्ति को लेकर उनका कहना था, ‘इसके लिए प्रोफेसरशिप ही मेरिट होती है. कुलपति योग्यता की वजह से नहीं बनता. अगर किसी की हुई तो वह उसका भ्रम है.’
उप कुलपति के विदाई कार्यक्रम को लेकर कुछ छात्रों उनके डेढ़ महीने बाद परिसर में आने को लेकर खूब हंगामा भी किया. उनके कैंपस से वापस जाने के नारे लगाये गए, साथ ही छात्रों और सुरक्षाकर्मियों में नोंकझोंक भी हुई.