पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने देश में नए साल के जश्न पर रोक लगाई

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकड़ ने कहा कि फिलिस्तीन की गंभीर चिंताजनक स्थिति को ध्यान में रखते हुए और वहां के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सरकार द्वारा नए साल के जश्न के किसी भी तरह के आयोजन पर सख़्त पाबंदी लगाई जाती है.

पाकिस्तान प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकड़. (फोटो साभार: X/@anwaar_kakar)

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकड़ ने कहा कि फिलिस्तीन की गंभीर चिंताजनक स्थिति को ध्यान में रखते हुए और वहां के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सरकार द्वारा नए साल के जश्न के किसी भी तरह के आयोजन पर सख़्त पाबंदी लगाई जाती है.

पाकिस्तान प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकड़. (फोटो साभार: X/@anwaar_kakar)

नई दिल्ली: पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकड़ ने गुरुवार को गाजा में फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए देश में नए साल के जश्न पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्र के नाम एक संक्षिप्त संबोधन में काकड़ ने फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने और नए साल पर संयम और सादगी रखने का आग्रह किया है.

उन्होंने कहा, ‘फिलिस्तीन की गंभीर चिंताजनक स्थिति को ध्यान में रखते हुए और हमारे फिलिस्तीनी भाइयों और बहनों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सरकार द्वारा नए साल के लिए किसी भी तरह के आयोजन पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाता है.’

काकड़ ने कहा कि सात अक्टूबर को इजराइली बमबारी शुरू होने के बाद से इजराइली सेना ने ‘हिंसा और अन्याय की सभी सीमाएं लांघते’ हुए लगभग 9,000 बच्चों समेत 21,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की जान ले ली.

उन्होंने कहा, ‘पूरा पाकिस्तान और मुस्लिम जगत गाजा एवं वेस्ट बैंक में निर्दोष बच्चों एवं निहत्थे फिलिस्तीनियों के नरसंहार से बेहद दुखी है.’

काकड़ ने कहा कि पाकिस्तान ने फिलिस्तीन को दो सहायता पैकेज भेजे हैं और तीसरा पैकेज तैयार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान फिलिस्तीन को समय पर सहायता प्रदान करने और गाजा में मौजूद घायलों को निकालने के लिए जॉर्डन और मिस्र के साथ बातचीत में लगा हुआ है.

काकड़ ने कहा कि पाकिस्तान ने इजरायली ख़ूंरेज़ी को रोकने के लिए विभिन्न वैश्विक मंचों पर फिलिस्तीनी लोगों की दुर्दशा को उजागर करने की कोशिश की है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा.

पाकिस्तान में नए साल का जश्न परंपरागत रूप से इस्लामी समूहों के प्रभाव के कारण बहुत बड़ा नहीं होता है, जो बल प्रयोग सहित विभिन्न तरीकों से उत्सव को रोकने की कोशिश करते हैं.