बेंगलुरु आर्कबिशप ने हेट स्पीच, चर्चों पर हमलों को लेकर प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की मांग की

बेंगलुरु आर्कबिशप डॉ. पीटर मचाडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके आवास पर क्रिसमस समारोह रखने को लेकर उनका धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को हेट स्पीच और चर्च पर हमलों जैसे ईसाई समुदाय के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए.

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प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित क्रिसमस समारोह में ईसाइयों के प्रतिनिधियों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: ट्विटर/@narendramodi)

बेंगलुरु आर्कबिशप डॉ. पीटर मचाडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके आवास पर क्रिसमस समारोह रखने को लेकर उनका धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को हेट स्पीच और चर्च पर हमलों जैसे ईसाई समुदाय के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए.

प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित क्रिसमस समारोह में ईसाइयों के प्रतिनिधियों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: ट्विटर/@narendramodi)

नई दिल्ली: बेंगलुरु आर्कबिशप डॉ. पीटर मचाडो ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके आवास पर क्रिसमस समारोह रखने को लेकर उनका धन्यवाद देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री को हेट स्पीच और चर्च पर हमलों जैसे ईसाई समुदाय के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, डॉ. मचाडो ने गुरुवार को पीएम को लिखे पत्र में कहा, ‘क्रिसमस 2023 भारत के ईसाइयों के लिए विशेष था क्योंकि पीएम मोदी ने क्रिसमस के दिन नई दिल्ली में ईसाइयों के प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाया था. मोदीजी के शांति और सद्भावना के क्रिसमस संदेश को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाने के लिए, कार्डिनल्स, बिशप, प्रीस्ट और समुदाय के धार्मिक और आम नेताओं को विश्वास में लेकर ईसाई समुदाय की चिंताओं को दूर करना उनकी ओर से एक उत्कृष्ट कदम होगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘ईसाइयों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों, चर्चों और संस्थानों पर हमलों और अधिक से अधिक राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानूनों की घोषणा के कारण ईसाइयों के संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ है, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा ही समय रहते किए गए हस्तक्षेप से ही भली प्रकार संभाला जा सकता है. हम सभी मणिपुर की ज्वलंत समस्या पर राहत देने के लिए प्रधानमंत्री की ओर आशा की नजर से देख रहे हैं, वो एक जातीय मुद्दा हो सकता है, लेकिन इसने ईसाई समुदाय पर गहरे निशान छोड़े हैं…’

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मोदी सभी दलितों- चाहे वे हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई धर्म के हों, को समान दर्जा देकर दलित ईसाई आरक्षण मुद्दे को हल करें.