मणिपुर हिंसा: सशस्त्र उपद्रवियों और पुलिस के बीच गोलीबारी के बाद मोरेह में कर्फ्यू लगाया गया

मोरेह कुकी प्रभुत्व वले तेंगनौपाल ज़िले में है, जो 3 मई को राज्य में कुकी-ज़ो और मेईतेई समुदायों के बीच भड़के जातीय संघर्ष से प्रभावित ज़िलों में से एक है. शनिवार दोपहर वहां तब हिंसा भड़क उठी, जब सशस्त्र उपद्रवियों ने पुलिस जवानों की एक टीम पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक जवान घायल हो गया.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/@manipur_police)

मोरेह कुकी प्रभुत्व वले तेंगनौपाल ज़िले में है, जो 3 मई को राज्य में कुकी-ज़ो और मेईतेई समुदायों के बीच भड़के जातीय संघर्ष से प्रभावित ज़िलों में से एक है. शनिवार दोपहर वहां तब हिंसा भड़क उठी, जब सशस्त्र उपद्रवियों ने पुलिस जवानों की एक टीम पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक जवान घायल हो गया.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/@manipur_police)

नई दिल्ली: शनिवार दोपहर से सशस्त्र बदमाशों और राज्य पुलिस के जवानों के बीच रुक-रुककर हो रही गोलीबारी के बाद, भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित अशांत मणिपुर के मोरेह शहर में 31 दिसंबर को फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है.

मोरेह कुकी प्रभुत्व वले तेंगनौपाल ज़िले में स्थित है, जो 3 मई को राज्य में कुकी-ज़ो और मेईतेई समुदायों के बीच भड़के जातीय संघर्ष से प्रभावित जिलों में से एक है.

द हिंदू के मुताबिक, शनिवार को दोपहर करीब 3.45 बजे तब हिंसा भड़क उठी जब सशस्त्र चरमपंथियों ने पुलिस जवानों की एक टीम पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक जवान घायल हो गया. जिला अधिकारियों ने कहा कि इसके बाद हाई अलर्ट जारी किया गया था. गोलीबारी शाम साढ़े पांच बजे तक जारी रही.

मणिपुर के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘मोरेह में घात लगाकर किए गए हमले के दौरान 5वीं इंडिया रिजर्व बटालियन के राइफलमैन जी. पोंखामलुंग की दाहिनी जांघ में छर्रे लगने से वह घायल हो गए.’ घायल कमांडो को असम राइफल्स शिविर में ले जाया गया और बाद में राज्य की राजधानी इंफाल के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया.

ताजा गोलीबारी रविवार को शाम करीब 5 बजे शुरू हुई. अब तक किसी के घायल होने या मौत की कोई खबर नहीं है.

इस बीच, कुकी-ज़ो समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने दावा किया है कि पुलिस ने शनिवार को कुकी बस्ती में अंधाधुंध गोलीबारी की और तीन घरों को जला दिया. एक अन्य समुदाय-आधारित संगठन, कुकी इंपी, सदर हिल्स ने ‘आगजनी’ की जांच की मांग की है.

मणिपुर में शांति बहाली फोरम ने सभी वर्गों से शांति की अपील के बावजूद जारी हिंसा पर चिंता व्यक्त की. इसने मध्यस्थता करने और सुलह को बढ़ावा देने के लिए एक सत्य और सुलह समिति (ट्रुथ एंड रिकांसिलेशन कमेटी) के गठन का प्रस्ताव रखा है.

वहीं, अधिकारी ने बताया कि चरमपंथियों ने शनिवार आधी रात के आसपास एक और हमला किया और मोरेह में पुलिस बैरकों पर रॉकेट चालित ग्रेनेड दागे. इस हमले में चार कमांडो को गंभीर चोटें आईं.

ज्ञात हो कि लगभग आठ महीनों से चली आ रही जातीय झड़पों में मणिपुर में अब तक लगभग 200 लोग मारे गए हैं और 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं.

मणिपुर कमांडो यूनिट पर हमले के दूसरे दिन भी मोरेह में स्थिति तनावपूर्ण

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि शनिवार रात सीमावर्ती शहर में उनकी एक चौकी पर रॉकेट चालित ग्रेनेड (आरपीजी) हमले में मणिपुर पुलिस के तीन कमांडो के घायल होने के एक दिन बाद मणिपुर के मोरेह शहर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि संदिग्ध आतंकवादियों ने कई आरपीजी फायरिंग की, जो मोरेह तुरेलवांगमा लीकाई में सीडीओ चौकी की इमारत के अंदर फट गए, जहां जवान रह रहे थे.

पुलिस ने कहा, ‘जवानों का अब असम राइफल्स केपीएल शिविर में इलाज किया जा रहा है और वे खतरे से बाहर हैं.’

उन्होंने बताया कि हमले के दौरान कई पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए.

पुलिस ने बताया कि जवाबी गोलीबारी में छह संदिग्ध आतंकवादी घायल हो गए. एक अधिकारी ने कहा, ‘मृत्यु की भी सूचना मिल रही है, लेकिन इसकी तुरंत पुष्टि नहीं की जा सकती है. अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है.’

पुलिस ने बताया कि एक अन्य घटनाक्रम में, रविवार तड़के इंफाल पूर्वी जिले के ताबुंगखोक इलाके में दो समूहों के बीच गोलीबारी में एक ग्रामीण वालंटियर घायल हो गया.

अधिकारियों ने बताया कि जब गोलीबारी शुरू हुई तो सी. लामयांबा को गांव की सुरक्षा की जिम्मदारी सौंपी गई थी. अस्पताल के एक कर्मचारी ने कहा, ‘उन्हें इलाज के लिए राज मेडिसिटी में भर्ती कराया गया है और वह निगरानी में हैं.’

इससे पहले, इंफाल पश्चिम जिले के कडांगबंद इलाके में सुरक्षा में तैनात (गार्ड ड्यूटी) एक स्वयंसेवक (वॉलंटियर) की भी शनिवार (30 दिसंबर) को अज्ञात बंदूकधारियों के साथ गोलीबारी में मौत हो गई थी.