मोदी सेल्फी पॉइंट की लागत बताने के बाद बिना नोटिस के मध्य रेलवे के पीआरओ का तबादला

सितंबर 2023 में रेलवे बोर्ड ने 19 ज़ोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को स्टेशनों पर सेल्फी बूथ लगाने का निर्देश दिया था. इसे लेकर एक आरटीआई आवेदन के जवाब में केवल मध्य रेलवे ने इसकी लागत के बारे में जानकारी दी थी.

एक रेलवे स्टेशन पर बना सेल्फी पॉइंट. (फोटो साभार: ट्विटर/@Ashutoshjha100)

सितंबर 2023 में रेलवे बोर्ड ने 19 ज़ोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को स्टेशनों पर सेल्फी बूथ लगाने का निर्देश दिया था. इसे लेकर एक आरटीआई आवेदन के जवाब में केवल मध्य रेलवे ने इसकी लागत के बारे में जानकारी दी थी.

एक रेलवे स्टेशन पर बना सेल्फी पॉइंट. (फोटो साभार: ट्विटर/@Ashutoshjha100)

नई दिल्ली: रेलवे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट-आउट वाले सेल्फी पॉइंट से जुड़ी जानकारी देने वाले मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवराज मानसपुरे का अचानक तबादला कर दिया गया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मानसपुरे ने महज़ सात महीने पहले यह पद संभाला था और बीते 29 दिसंबर को उन्हें बिना कोई कारण बताए अचानक उनका तबादला कर दिया गया. बीते दिनों उनके कार्यालय द्वारा रेलवे स्टेशनों पर नरेंद्र मोदी के 3 डी ‘सेल्फी पॉइंट’ की लागत के बारे में विवरण जारी किए गए थे.

मानसपुरे को यह बताए बिना ट्रांसफर किया गया है कि उनकी अगली पोस्टिंग कहां होगी.

ज्ञात हो कि बीते दिसंबर महीने में महाराष्ट्र के अमरावती के एक सामाजिक कार्यकर्ता अजय बोस के आरटीआई अनुरोध के जवाब में मध्य रेलवे ने उन स्टेशनों की सूची दी थी, जहां क्रमशः 1.25 लाख रुपये और 6.25 लाख रुपये की अनुमोदित लागत से अस्थायी और स्थायी सेल्फी बूथ बनाए गए.

मध्य रेलवे भारतीय रेलवे के 19 जोनों में से एक है. बोस ने पांच जोनों- मध्य रेलवे, पश्चिमी, दक्षिणी, उत्तरी और उत्तर पश्चिमी रेलवे – में आरटीआई आवेदन दायर कर सेल्फी बूथ से जुड़ी लागतों के बारे में विवरण मांगा था. इस पर जवाब केवल मध्य रेलवे की तरफ से आया.

सितंबर में रेलवे बोर्ड ने 19 जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को स्टेशनों पर सेल्फी बूथ लगाने के लिए कहते हुए निर्देश दिया था कि इनमें केंद्र सरकार की स्किल इंडिया, उज्ज्वला योजना और चंद्रयान मिशन जैसी योजनाओं का जिक्र होना चाहिए.

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, बोस ने कहा, ‘मध्य रेलवे की तरफ से जानकारी डिप्टी जीएम अभय मिश्रा द्वारा दी गई थी, लेकिन सीपीआरओ को हटा दिया गया.’

मानसपुरे की जगह स्वप्निल डी. नीला को लाया गया है, जिन्होंने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. अन्य अधिकारियों ने अखबार से कहा कि यह ‘ऊपर से लिया गया फैसला’ है.

रेलवे स्टेशन उन कई स्थानों में से एक है जहां सरकार करदाताओं के पैसे से मोदी सेल्फी पॉइंट लगाने के लिए कह रही है. इससे पहले यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और रक्षा मंत्रालय ने सार्वजनिक जगहों पर प्रधानमंत्री के सेल्फी पॉइंट लगाने को कहा है.

उल्लेखनीय है कि रेलवे स्टेशनों पर प्रधानमंत्री के सेल्फी पॉइंट्स बनाने को लेकर कांग्रेस ने जमकर निशाना साधा था. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘सेल्फी बूथ’ बनाए जाने को लेकर कहा था कि यह करदाताओं के पैसे की खुलेआम बर्बादी है.