मणिपुर: थौबल गोलीबारी में मृतकों की संख्या 5 हुई, राज्य सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित की

बीते 1 जनवरी को मणिपुर के घाटी ज़िले थौबल के लिलोंग इलाके में हथियारबंद लोगों ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के संबंध में मेईतेई पंगलों (मेईतेई मुसलमानों) द्वारा गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की मांगें सरकार ने मान ली हैं, जिसके बाद समिति शवों के अंतिम संस्कार करने पर सहमत हो गई है.

थौबल जिले में हुई गोलीबारी के संबंध में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने 3 जनवरी 2023 को अपने निवास पर मेईतेई मुस्लिम समुदाय से मुलाकात की थी. (फोटो साभार: एक्स/@NBirenSingh)

बीते 1 जनवरी को मणिपुर के घाटी ज़िले थौबल के लिलोंग इलाके में हथियारबंद लोगों ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के संबंध में मेईतेई पंगलों (मेईतेई मुसलमानों) द्वारा गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की मांगें सरकार ने मान ली हैं, जिसके बाद समिति शवों के अंतिम संस्कार करने पर सहमत हो गई है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/@manipur_police)

नई दिल्ली: मणिपुर सरकार ने बीते सोमवार (1 जनवरी) की शाम थौबल जिले के लिलोंग चिनजाओ में हुई गोलीबारी की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, क्योंकि एक और व्यक्ति की मौत के बाद इस गोलीबारी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है.

गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हुए एमडी अब्दुर रजक की बुधवार (3 जनवरी) को एक निजी अस्पताल में मौत हो गई. लिलोंग निवासी रजक स्थानीय नशा विरोधी संस्था अंजुमन के एक प्रमुख पदाधिकारी थे.

बीते 1 जनवरी को लिलोंग इलाके में हथियारबंद लोगों ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस गोलीबारी में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना की एसआईटी जांच के संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (थौबल) राकेश बलवाल द्वारा हस्ताक्षरित एक आदेश के अनुसार, उप-संभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) मोहम्मद रियाजुद्दीन शाह एसआईटी के अध्यक्ष होंगे. पैनल के सदस्यों के रूप में – एसडीपीओ एन. सुरेश सिंह, इंस्पेक्टर मसूद, सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद अनवर हुसैन, एस. भुबन सिंह और एन. थॉमस सिंह – सभी घाटी जिले थौबल में सेवारत हैं.

आदेश में कहा गया है कि जांच की प्रगति से एसपी को रोजाना सुबह और शाम दो बार अवगत कराया जाएगा.

इसी बीच, घटना के संबंध में मेईतेई पंगलों (मेईतेई मुसलमानों) द्वारा गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) शवों के अंतिम संस्कार करने पर सहमत हो गई है.

बुधवार को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की उपस्थिति में उनके कार्यालय परिसर में जेएसी और राज्य सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए.

एमओयू में अन्य बातों के अलावा पांच मृतकों और तीन गंभीर रूप से घायलों के निकट संबंधियों को उपयुक्त सरकारी नौकरी प्रदान करने के साथ-साथ मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख रुपये और अन्य घायलों को एक-एक लाख रुपये देने पर सहमति व्यक्त की गई.

मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने गोलीबारी की घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए सोशल साइट एक्स पर कहा कि सरकार जेएसी द्वारा रखी गईं सभी मांगों पर सहमत है. उन्होंने लिखा, ‘हम एक समझौते पर पहुंचे हैं, जहां मेईतेई पंगल समुदाय के धार्मिक नेता और सीएसओ मृतकों का अंतिम संस्कार करने के लिए सहमत हुए हैं.’

प्रतिबंधित रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) ने इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि यह एक ड्रग कार्टेल को घेरने के मिशन में हुआ, जिसने लगातार अपने व्यापार को रोकने की चेतावनियों की अवहेलना की थी.

मालूम हो कि 3 मई 2023 को मणिपुर में मेईतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से पिछले 8 महीनों में अब तक लगभग 200 लोग मारे गए हैं, सैंकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं और 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं.

3 मई 2023 को बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बीच दोनों समुदायों के बीच यह हिंसा भड़की थी.

मणिपुर की आबादी में मेईतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नगा और कुकी समुदाय शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.