झारखंड: जेल में बंद शराब माफिया की शिकायत के बाद हिंदी दैनिक के संपादक के ख़िलाफ़ एफ़आईआर

प्रभात ख़बर के एक वरिष्ठ संपादक द्वारा झारखंड में शराब माफिया पर अख़बार के कवरेज को लेकर मुख्य संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को मिले धमकी भरे कॉल के संबंध मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखे जाने के कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम सामने आया है. शराब माफिया ने अपने ख़िलाफ़ झूठी ख़बर प्रकाशित किए जाने का आरोप लगाया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर)

प्रभात ख़बर के एक वरिष्ठ संपादक द्वारा झारखंड में शराब माफिया पर अख़बार के कवरेज को लेकर मुख्य संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को मिले धमकी भरे कॉल के संबंध मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखे जाने के कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम सामने आया है. शराब माफिया ने अपने ख़िलाफ़ झूठी ख़बर प्रकाशित किए जाने का आरोप लगाया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: झारखंड की राजधानी रांची में हिंदी दैनिक ‘प्रभात खबर’ के मुख्य संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और तीन के खिलाफ जालसाजी, मानहानिकारक मानी जाने वाली सामग्री के प्रकाशन और अन्य आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

अखबार के एक वरिष्ठ संपादक द्वारा राज्य में शराब माफिया पर अखबार के कवरेज को लेकर मुख्य संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को की जा रही धमकी भरे कॉल के संबंध मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखे जाने के कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम सामने आया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 29 दिसंबर 2023 को प्रभात खबर के स्थानीय संपादक विजयकांत पाठक ने मुख्यमंत्री सोरेन को लिखा था कि चतुर्वेदी को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद योगेंद्र तिवारी नाम के एक व्यक्ति ने फोन किया था और हाल की कुछ रिपोर्टों में उनका नाम शामिल किए जाने को लेकर धमकी दी गई थी.

तिवारी कथित तौर पर अवैध रेत तस्करी से कमाए गए मुनाफे को शराब कारोबार में लगाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं. यह भी आरोप है कि वह अवैध खनन को लेकर एक अन्य पीएमएलए मामले में आरोपी प्रेम प्रकाश से गठजोड़ (Nexus) का भी हिस्सा हैं.

बीते 3 जनवरी को योगेंद्र तिवारी के कहने पर मुख्य संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और तीन अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसने शिकायत की थी कि प्रभात खबर ने ‘झूठी खबर’ प्रकाशित की थी.

एफआईआर में झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी का नाम भी आरोपी के तौर पर शामिल है.

इसमें कहा गया है कि योगेंद्र तिवारी पर झूठी शिकायत दर्ज करने के लिए दबाव डाला जा रहा था और जब वह नहीं माने तो सुनील तिवारी ने कथित तौर पर उन्हें धमकी दी कि एक ‘सिंडिकेट (सुनील तिवारी सहित पत्रकारों का एक समूह) उन्हें भविष्य में नुकसान पहुंचाएगा’.

एफआईआर में योगेंद्र तिवारी के हवाले से कहा गया है, ‘मैं (योगेंद्र) 3 नवंबर 2023 से जेल में हूं और मेरे खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया गया है. प्रभात खबर में मेरे बारे में एक झूठी खबर प्रकाशित की गई थी कि आरोप-पत्र में मेरी दो शादियों और दो पत्नियों का जिक्र है, जो बिल्कुल गलत है. खबर पढ़ने के बाद मैं बहुत दुखी और आहत हुआ और खूब रोया. मेरे साथी कैदियों ने मुझे हिम्मत दी.’

​इस बीच एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बीते शुक्रवार (5 जनवरी) को प्रभात खबर के संपादकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर चिंता जताई.

गिल्ड ने कहा कि झारखंड पुलिस ने योगेंद्र तिवारी की शिकायत के जवाब में आशुतोष चतुर्वेदी, विजयकांत पाठक और अखबार के प्रबंध निदेशक राजीव झावर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 469, 501 और 502 के तहत एफआईआर दर्ज की है.

बयान में कहा गया, ‘गिल्ड पत्रकारों को डराने और परेशान करने के प्रयास में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि कानूनों के दुरुपयोग पर भी गहरी चिंता व्यक्त करता है.’

इससे पहले गिल्ड ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ-साथ राज्य के शीर्ष अधिकारियों को पत्र लिखकर शराब माफिया के खिलाफ जांच शुरू करने और चतुर्वेदी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया था.