पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना के तहत ग़रीब और ज़रूरतमंद लोगों को सिर्फ़ 8 रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जाता था. बीते 4 जनवरी को राजस्थान की भाजपा सरकार ने पूर्व सरकार के एक बड़े फैसले को पलटते हुए सीबीआई को राज्य में जांच के लिए सामान्य सहमति दे दी थी.
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली राजस्थान की नवनिर्वाचित भाजपा सरकार ने बीते शनिवार (6 जनवरी) को इंदिरा रसोई योजना का नाम बदलकर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया.
रियायती दरों पर भोजन उपलब्ध कराने की यह योजना पिछली अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई थी.
बीते शुक्रवार (5 जनवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जयपुर पहुंचने के कुछ ही देर बाद ही मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इस बात की घोषणा की थी.
एनडीटीवी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के स्थानीय स्वशासन विभाग के आदेशानुसार ‘श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना’ में प्रति प्लेट वजन बढ़ाकर 600 ग्राम कर दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि प्रति प्लेट देय सरकारी अनुदान भी 17 से बढ़ाकर 22 रुपये कर दिया गया है.
हालांकि, लाभार्थी का प्रति प्लेट 8 रुपये का योगदान पहले जैसा ही रहेगा.
इसके अलावा भाजपा सरकार ने सभी होर्डिंग और ऑनलाइन पोर्टल पर भी नाम बदलने का आदेश जारी किया है.
इंदिरा रसोई योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को सिर्फ 8 रुपये में भोजन मिलता था. अगस्त 2020 में ‘कोई भूखा न सोए’ टैगलाइन के साथ इस योजना को शुरू किया गया था.
एबीपी लाइव की रिपोर्ट एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, बीते 4 जनवरी को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अशोक गहलोत सरकार के एक बड़े फैसले को पलटते हुए सीबीआई को राज्य से संबंधित मामलों की जांच के लिए सामान्य सहमति दे दी थी.
ये मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई को राज्य से जुड़े किसी भी मामले की जांच के लिए हर बार राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी. पिछले साल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सहमति वापस ले ली थी.
इससे पहले दिसंबर 2023 के आखिरी सप्ताह में मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने भी राज्य में अपराधों की सीबीआई जांच के लिए सहमति दे दी थी.