आम आदमी पार्टी ने चुनावी चंदे को आयकर के दायरे में लाने को बदले की कार्रवाई बताया.
नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) पर आयकर विभाग ने दिल्ली के एक हवाला आपरेटर के मार्फत दो करोड़ रुपये की प्राप्तियां दर्ज करने और उन्हें चंदा दिखाने का आरोप लगाते हुए नोटिस दिया है.
आयकर विभाग ने वर्ष 2015-16 के लिए आप को राजनीतिक दल के रूप में मिली कर छूट खत्म कर दी है. विभाग ने पार्टी की आय के ताजा आकलन में उस पर ये आरोप लगाए हैं. विभाग ने पाया कि आकलन वर्ष 2015-16 के दौरान आम आदमी पार्टी की कर योग्य आय 68.44 करोड़ रुपये पायी गई और इस आधार पर उस पर 30.67 करोड़ रुपये का आयकर लगाया गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा ने आम आदमी पार्टी को भेजे गए कर नोटिस को देखा है. इसमें कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने एक स्थानीय आपरेटर से हवाला के जरिए प्राप्त धन को चंदे के रूप में दिखाया.
आयकर विभाग ने इसे राजनीतिक दलों को चंदे पर कर से मिली छूट के नियमों का उल्लंघन माना है. विभाग ने पिछले सप्ताह जारी जांच आदेश में आम आदमी पार्टी पर ये आरोप निर्धारित किए हैं.
आय कर विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि आप पार्टी ने वर्ष 2014-15 के दौरान दो करोड़ रुपये हवाला प्रविष्टियों से दिल्ली के एक आपरेटर के जरिए प्राप्त किए. उस आय को असत्य रूप से स्वैच्छिक चंदा बताया गया.
आयकर विभाग ने आम आदमी पार्टी पर लोक प्रतिनिधि अधिनियम के तहत राजनीतिक चंदे को सही से नहीं दर्शाने का भी आरोप तय किया है.
आयकर विभाग के आदेश में कहा गया है कि उस हवाला आपरेटर ने इसी तरह से अन्य 372 लोगों या इकाइयों को इसी तरह की अवैध प्राप्तियों की प्रविष्टियां कराने में मदद की.
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इसके अलावा आप पार्टी पर 2014-15 के आयकर विवरण में 13.16 करोड़ रुपये के चंदे अपनी लेखा बही तथा आय एवं खर्च के आडिट में न दिखाने का दोषी भी पाया है. इस 13.16 करोड़ रुपये की चंदा राशि को देने वाले लोगों के नाम-पते भी पार्टी ने नहीं दर्शाए.
पार्टी पर 20,000 रुपये से अधिक के चंदे देने वाले 461 लोगों के पूरे ब्योरे भी नहीं देने का आरोप है. उन लोगों की ओर से कुल मिला कर 6.26 करोड़ रुपये का चंदा दिखाया गया है. इसमें कहा गया है कि पार्टी ने निर्वाचन आयोग को 30 सितंबर 2015 को दाखिल रपट में 29.13 करोड़ रुपये के चंदों की जानकारी नहीं दी.
इससे पहले आम आदमी पार्टी को पिछले वित्तीय वर्ष में मिले चंदे को आयकर के दायरे में लाने के आयकर विभाग के आदेश को पार्टी ने बदले की भावना से की गई अप्रत्याशित कार्रवाई बताया है.
आप के कोषाध्यक्ष दीपक वाजपेयी ने सोमवार को आयकर विभाग के आदेश के हवाले से कहा कि पार्टी को वित्तीय वर्ष 2015-2016 में चंदे को आयकर के दायरे में बताते हुए इस पर कर अदायगी का नोटिस जारी किया गया है.
वाजपेयी ने इसे अभूतपूर्व घटना बताते हुए कहा स्वतंत्र भारत में शायद यह पहली बार हुआ होगा, जब किसी राजनीतिक दल के चंदे को गैरकानूनी बताते हुए करयोग्य आय बताया गया है. इसमें आप को दस रुपये से अधिक राशि के समूचे चंदे को कर के दायरे में शामिल किया गया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी आप को कर से दी गई छूट को खत्म करने के आयकर विभाग के नोटिस को बदले की राजनीति की पराकाष्ठा बताया. उनकी पार्टी ने केंद्र पर प्रतिद्वंद्वी पार्टियों को बदनाम करने के लिए जांच एजेंसियों के इस्तेमाल का आरोप लगाया.
भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत के इतिहास में एक राजनीतिक दल के सभी चंदे को अवैध घोषित कर दिया गया है. इन सबका हिसाब-किताब है और खाते में दिखाया गया है. यह बदले की राजनीति की पराकाष्ठा है.’
In the history of India, ALL donations to a political party have been declared illegal. All these were accounted for and shown in books of accounts. This is height of political vendetta
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 27, 2017
इसी बीच कांग्रेस और भाजपा ने आप की फंडिंग को लेकर जांच की मांग की है.
संवाददाता सम्मेलन के दौरान दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने कहा कि केंद्र को आम आदमी पार्टी के चंदे की पूरी जांच का आदेश देना चाहिए.
दिल्ली भाजपा के नेता मनोज तिवारी ने कहा कि एक-दूसरे पर आरोप लगाने की बजाय आप को आयकर विभाग द्वारा दिये गए नोटिस को लेकर अधिकारियों को संतुष्ट करना चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)