म्यांमार की सीमा से लगे तेंगनौपाल ज़िले के मोरेह में एक हेलीपैड पर तैनात मणिपुर पुलिस के जवान चिंगथम आनंद कुमार की 31 अक्टूबर, 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में पुलिस ने अब भाजपा ज़िला इकाई के एक नेता हेमखोलाल मटे को एक अन्य आरोपी के साथ गिरफ़्तार किया है.
नई दिल्ली: मणिपुर में तेंगनौपाल ज़िले के सीमावर्ती शहर मोरेह में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए दो लोगों में से एक जिले का भाजपा कोषाध्यक्ष निकला है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर पुलिस अधिकारी चिंगथम आनंद कुमार की हत्या के मामले में हेमखोलाल मटे को एक अन्य आरोपी फिलिप खैखोलाल खोंगसाई के साथ सोमवार (15 जनवरी) को मोरेह से गिरफ्तार किया गया था.
बताया गया है कि भाजपा ने मटे को निष्कासित कर दिया है और उनकी सदस्यता भी रद्द कर दी गई है.
चिंगथम आनंद कुमार की 31 अक्टूबर, 2023 को मोरेह में एक हेलीपैड पर काम की देखरेख के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जो म्यांमार की सीमा से लगे तेंगनौपाल ज़िले के अंतर्गत आता है.
मटे मौलसांग गांव के प्रमुख और मटे जनजाति संघ के वित्त सचिव भी हैं. वहीं, फिलिप खैखोलाल खोंगसाई एक पूर्व भारतीय सेना के सैनिक और मोरेह यूथ क्लब का अध्यक्ष है.
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष एन. निंबस सिंह ने कहा, ‘आज पार्टी की एक आपातकालीन कार्यकारी समिति बुलाने के बाद उन्हें (मटे को) हमारी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है. हम सभी सदस्यों की व्यापक पृष्ठभूमि की जांच भी करेंगे और यदि हमारी पार्टी का कोई भी सदस्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाया जाता है, तो हम अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे.’
मणिपुर पुलिस ने मंगलवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि दोनों आरोपियों को मोरेह न्यायिक मजिस्ट्रेट के कार्यालय में ले जाया गया, जिसके बाद उन्हें नौ दिनों के लिए पुलिस हिरासत में ले लिया गया.
The two arrested persons namely (a) Philip Khaikholal Khongsai and (b) Hemkholal Mate who were apprehended yesterday (15.01.2024) by Manipur Police in Moreh were produced before the Judicial Magistrate, Moreh and have been remanded into police custody for 09 (nine) days.…
— Manipur Police (@manipur_police) January 16, 2024
खोंगसाई को गिरफ्तार किए जाने के बाद कई प्रदर्शनकारियों ने मोरेह पुलिस थाने का घेराव किया था और आरोपी को रिहा करने की मांग की थी. उनका आरोप था कि पुलिस कमांडो ने निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी बीच, हिंसा प्रभावित मणिपुर के पीड़ितों के एक समूह ने मंगलवार को एक रैली निकाली और मणिपुर सरकार से मोरेह के एसडीपीओ चिंगथम आनंद की हत्या का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग की.
उनकी गिरफ्तारी के बाद मोरेह शहर के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (आईडीपी), जो हिंसा भड़कने के बाद से इंफाल पूर्वी जिले में राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं, ने नारे लगाए और रैली निकाली. मामले में आरोपियों को रिहा न करने की मांग की गई.
एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान मेईतेई पीड़ितों की सुरक्षा समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘अब समय आ गया है कि हम आगजनी, लूटपाट और दंगों में शामिल लोगों का पता लगाएं, जिसके परिणामस्वरूप मोरेह के मेईतेई समुदाय के 163 पीड़ितों का विस्थापन हुआ.’
सुरक्षा बल हाल के सप्ताहों में मोरेह के कुछ हिस्सों में छिपे विद्रोहियों से लड़ रहे हैं. सीमावर्ती शहर को अवैध अप्रवासियों और म्यांमार के जुंटा से भाग रहे शरणार्थियों, विद्रोहियों, लुटेरों और नशीली दवाओं के तस्करों के लगातार दबाव का सामना करना पड़ रहा है.
इसी बीच, मणिपुर पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आज (17 जनवरी) सुबह-सुबह, सशस्त्र उग्रवादियों ने मोरेह में हथियारों और विस्फोटकों का उपयोग करके राज्य बलों पर एक हिंसक हमला किया.
Today (17.01.2024) at early morning, armed militants orchestrated a violent attack on the State forces, employing firearms and explosives in Moreh, Tengnoupal district. In the incident, one personnel of 6th Manipur Rifles namely Wangkhem Somorjit Meetei S/o (L) W. Chaoton Singh…
— Manipur Police (@manipur_police) January 17, 2024
पुलिस के अनुसार, इस घटना में 6वीं मणिपुर राइफल्स का एक कर्मी सहित तीन जवान मारे गए और पुलिसकर्मियों को चोटें आईं. पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बल इस समय शत्रु तत्वों से उलझ रहे हैं.
मालूम हो कि 3 मई को मणिपुर में मेईतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से पिछले 8 महीनों में अब तक लगभग 200 लोग मारे गए हैं, सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं और 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं.
3 मई को बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बीच दोनों समुदायों के बीच यह हिंसा भड़की थी.
मणिपुर की आबादी में मेईतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नगा और कुकी समुदाय शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.