बीते 17 जनवरी को पुलिस मुख्यालय पर हमला करने के अलावा भीड़ ने थौबल के खंगाबोक इलाके में थर्ड इंडियन रिजर्व बटालियन के परिसर को भी निशाना बनाया था. म्यांमार से लगे तेंगनौपाल ज़िले के मोरेह शहर में दो पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद यह घटना सामने आई है. इन स्थितियों को लेकर राज्य के गृह विभाग के आयुक्त ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है.
नई दिल्ली: मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है. थौबल जिले में पुलिस मुख्यालय पर भीड़ के हमले के बाद गुरुवार (18 जनवरी) तड़के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के तीन जवान गोली लगने से घायल हो गए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना मोरेह में दो पुलिसकर्मियों की हत्या के कुछ घंटों बाद सामने आई है, जो ढाई महीने में ऐसी दूसरी घटना है.
पुलिस के मुताबिक, 17 जनवरी को भीड़ ने सबसे पहले थौबल के खंगाबोक इलाके में थर्ड इंडियन रिजर्व बटालियन के परिसर को निशाना बनाया. पुलिस ने कहा कि सुरक्षाकर्मी ‘न्यूनतम आवश्यक बल’ का उपयोग करके भीड़ को तितर-बितर करने में कामयाब रहे.
मणिपुर पुलिस ने सोशल साइट एक्स पर एक बयान के जरिये इसकी जानकारी दी. बयान के अनुसार, ‘भीड़ ने थौबल पुलिस मुख्यालय को तोड़ने का प्रयास किया, जिससे सुरक्षा बलों को बल प्रयोग करना पड़ा. भीड़ में से हथियारबंद बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की. परिणामस्वरूप बीएसएफ के तीन कर्मचारी गोली लगने से घायल हो गए.’
Today (17.01.2024), an irate mob targeted the 3rd Indian Reserve Battalion (3IRB) in Khangabok, Thoubal District. Security forces repelled them using the minimum necessary force. Further, the mob attempted to breach Thoubal Police Headquarters, prompting the security forces to…
— Manipur Police (@manipur_police) January 17, 2024
गुरुवार तड़के किए गए एक अन्य ट्वीट में मणिपुर पुलिस ने कहा, ‘आज (17/01/2024) सुबह-सुबह सशस्त्र उग्रवादियों ने तेंगनौपाल जिले के मोरेह में हथियारों और विस्फोटकों का उपयोग करके राज्य बलों पर एक हिंसक हमला किया. इस घटना में 6ठीं मणिपुर राइफल्स का एक कर्मचारी वांगखेम सोमोरजीत मेईतेई ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए.’
Today (17.01.2024) at early morning, armed militants orchestrated a violent attack on the State forces, employing firearms and explosives in Moreh, Tengnoupal district. In the incident, one personnel of 6th Manipur Rifles namely Wangkhem Somorjit Meetei S/O (L) W. Chaoton Singh…
— Manipur Police (@manipur_police) January 17, 2024
आगे कहा गया, ‘इसके अलावा 10वीं आईआरबी के एक अन्य मणिपुर पुलिसकर्मी तखेल्लंबम सिलेश्वर सिंह, जो वर्तमान में विशेष सीडीओ से जुड़े हुए थे, मोरेह में हथियारबंद उग्रवादियों के हमले में शहीद हो गए.’
मणिपुर पुलिस ने हमले में छह पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सूचना दी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीते बुधवार (17 जनवरी) को राज्य के गृह विभाग के आयुक्त टी. रणजीत सिंह ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर ‘आपातकालीन आवश्यकताओं’ का हवाला देते हुए हेलीकॉप्टरों को तुरंत इंफाल में न्यूनतम सात दिनों की अवधि के लिए रखने का अनुरोध किया.
सिंह ने लिखा, ‘सीमावर्ती शहर मोरेह में कानून और व्यवस्था की स्थिति गंभीर चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि वहां लगातार गोलीबारी हो रही है. इसके परिणामस्वरूप आज सुबह एक आईआरबी कर्मचारी की मौत हो गई है.’
उनके अनुसार, मौजूदा हालात को देखते हुए मोरेह में हालात और बिगड़ सकते हैं, किसी भी वक्त मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति पैदा हो सकती है. पुलिस विभाग ने यह भी सूचित किया है कि मोरेह में सुरक्षाकर्मियों, गोला-बारूद आदि को हवाई मार्ग से ले जाने की भी आवश्यकता है.
इस बीच मणिपुर की राजधानी इंफाल में भी तनाव बना हुआ है, क्योंकि पुलिसकर्मियों की हत्या की खबर शहर तक पहुंच गई है.
बीते बुधवार को बड़ी संख्या में महिलाएं सड़कों पर उतरीं और मांग की कि मोरेह में राज्य पुलिस बलों की और अधिक तैनाती की जाए.
मेइतेई नागरिक समाज समूहों ने मोरेह में पुलिस के खिलाफ हमलों में म्यांमार के नागरिकों की संलिप्तता का आरोप लगाया और शहर में केंद्रीय बलों द्वारा निभाई गई भूमिका पर भी सवाल उठाया.
मालूम हो कि म्यामांर की सीमा से लगा कुकी प्रभुत्व वाला मोरेह शहर पिछले कुछ समय से हिंसा का केंद्र बना हुआ है. मणिपुर के एक पुलिस अधिकारी चिंगथम आनंद कुमार की बीते 31 अक्टूबर 2023 को मोरेह में एक हेलीपैड पर काम की देखरेख के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
बीते 15 जनवरी को उनकी हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए दो लोगों में से भाजपा कोषाध्यक्ष निकला है. कोषाध्यक्ष की पहचान हेमखोलाल मटे के रूप में हुई.
सुरक्षा बल हाल के सप्ताहों में मोरेह के कुछ हिस्सों में छिपे विद्रोहियों से लड़ रहे हैं. सीमावर्ती शहर को अवैध अप्रवासियों और म्यांमार के जुंटा से भाग रहे शरणार्थियों, विद्रोहियों, लुटेरों और नशीली दवाओं के तस्करों के लगातार दबाव का सामना करना पड़ रहा है.
बीते 30 दिसंबर 2023 को मोरेह शहर में एक चौकी पर रॉकेट चालित ग्रेनेड (आरपीजी) हमले में मणिपुर पुलिस के तीन कमांडो घायल हो गए थे. इसके बाद यहां कर्फ्यू लगा दिया गया था.
3 मई 2023 को मणिपुर में मेईतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से पिछले 8 महीनों में अब तक लगभग 200 लोग मारे गए हैं, सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं और 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं.
3 मई 2023 को बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बीच दोनों समुदायों के बीच यह हिंसा भड़की थी.
मणिपुर की आबादी में मेईतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नगा और कुकी समुदाय शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.