पाकिस्तान ने ईरान में कथित बलूच आतंकवादियों के ठिकानों पर हवाई हमले किए, 9 की मौत

ईरान ने बीते 16 जनवरी को पाकिस्तान में सुन्नी आतंकवादी समूह ‘जैश अल-अदल’ के ठिकानों पर हमला करने की बात कही थी. अब पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान में हवाई हमले किए हैं और कहा है कि उसने वहां के बलूच आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एएनआई)

ईरान ने बीते 16 जनवरी को पाकिस्तान में सुन्नी आतंकवादी समूह ‘जैश अल-अदल’ के ठिकानों पर हमला करने की बात कही थी. अब पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान में हवाई हमले किए हैं और कहा है कि उसने वहां के बलूच आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: पाकिस्तानी वायुसेना ने गुरुवार (18 जनवरी ) को ईरानी क्षेत्र के भीतर स्थित बलूच अलगाववादी शिविरों पर हवाई हमले किए. यह जानकारी हिंदुस्तान टाइम्स ने इस घटनाक्रम से अवगत लोगों के हवाले से की गईं कई रिपोर्टों का जिक्र करते हुए दी है.

अखबार के मुताबिक, रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि लक्षित स्थानों पर कथित तौर पर उन बलूच आतंकवादियों के ठिकाने थे, जो पाकिस्तान द्वारा वांछित थे.

समाचार एजेंसी एएफपी से एक वरिष्ठ खुफिया सूत्र ने कहा, ​‘मैं केवल इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि हमने पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी समूहों के खिलाफ हमले किए हैं, जिन्हें ईरान के अंदर निशाना बनाया गया.​’

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बाद में हमलों की पुष्टि की और दावा किया कि ​‘खुफिया सूचना पर आधारित ऑपरेशन – कोडनेम ​‘मार्ग बार सरमाचर​’ के दौरान कई आतंकवादी मारे गए हैं.​’

यह हमला ईरान के सिस्तान-ओ-बलूचिस्तान प्रांत में किया गया.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ​‘पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरा सम्मान करता है. आज की कार्रवाई का एकमात्र उद्देश्य पाकिस्तान की अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय हित हैं, जो सर्वोपरि हैं और जिनसे समझौता नहीं किया जा सकता है.​’

बता दें कि यह कार्रवाई पाकिस्तान में ईरानी हवाई हमलों के बाद हुई है, जिसके बाद पाकिस्तान ने जोर देकर कहा था कि ​‘उकसावे की कार्रवाई​’ पर ​‘जवाब देने का उसका अधिकार​’ सुरक्षित है.

जबकि, ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने कहा था कि ईरान, पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है, लेकिन ​‘देश की (ईरान की) राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता या खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देगा.​’

अब पाकिस्तान ने भी ईरानी सीमा में अपने हमलों के समर्थन में समान बयान दिया है.

इस बीच, एक वरिष्ठ पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया है कि सेना ​‘बेहद​’ हाई अलर्ट पर है और ईरानी पक्ष की ओर से किसी भी ​‘दुस्साहस​’ का मजबूती से मुकाबला करेगी.

वहीं, अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना का कहना है कि गुरुवार सुबह ईरान में किए गए हमलों में ​‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा इस्तेमाल किए गए ठिकानों​’ को निशाना बनाया गया.

सेना की मीडिया शाखा – इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) – ने एक बयान में कहा, ​‘खुफिया आधारित ऑपरेशन में लक्ष्यों पर सफलतापूर्वक हमला किया गया.​’

बयान में आगे कहा गया है कि ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए किलर ड्रोन, रॉकेट आदि का इस्तेमाल किया गया.

बयान में कहा गया है, ​‘भाई जैसे दो पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत और सहयोग को विवेकपूर्ण माना जाता है.​’

इस बीच,बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट का बयान आया है. उसने कहा है कि उसका ​‘ईरान में कोई ठिकाना नहीं है​’ और पाकिस्तानी हमले में ​‘हमारा कोई भी सरमाचर (लड़ाका) शहीद नहीं हुआ है.​’

पाकिस्तान ने अपनी कार्रवाई को ऑपरेशन ​‘मार्ग बार सरमाचर​’ नाम दिया. फारसी भाषा में ​‘मार्ग बार​’ का अर्थ ​‘मौत देना​’ होता है और यह ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से एक प्रसिद्ध कहावत है, जिसका इस्तेमाल अमेरिका और इजरायल दोनों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है.

वहीं, स्थानीय बलूच भाषा में ​‘सरमाचर​’ का अर्थ ​‘लड़ाके​’ होता है और इसका उपयोग सीमा पार क्षेत्र में सक्रिय सशस्त्र समूहों द्वारा किया जाता है.

अल जजीरा के मुताबिक, ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान के हमले की निंदा की है. ईरान ने पाकिस्तान के चार्ज डी​’अफेयर्स को भी तलब किया है.

ईरान के आंतरिक मंत्री ने सरकारी मीडिया को बताया कि हमले में मारे गए सभी नौ लोग विदेशी नागरिक थे और यह घातक हमला ईरान के ​‘लगभग 3-4 किलोमीटर​’ अंदर हुआ था.

सीएनएन ने ईरानी के सरकारी मीडिया आईआरएनए की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि सिस्तान-ओ-बलूचिस्तान प्रांत के डिप्टी गवर्नर अलीरेजा मरहमती के मुताबिक, हमलों में मारे गए नौ लोगों में तीन महिलाएं और चार बच्चे शामिल हैं.

मरहमती ने कहा, ‘सुबह 4:30 बजे एक सीमावर्ती गांव में विस्फोटों की आवाज सुनी गई, गांव पर कई मिसाइलें दागी गईं.’ उन्होंने कहा कि एक और विस्फोट सरवन शहर के पास हुआ, लेकिन उस विस्फोट से कोई हताहत नहीं हुआ.

बता दें कि ईरान की अर्ध-सरकारी तस्नीम समाचार एजेंसी ने मंगलवार (16 जनवरी) शाम को खबर दी थी कि ईरान ने ‘मिसाइल और ड्रोन हमलों के साथ’ पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आतंकी संगठन जैश अल-अदल के ठिकानों को निशाना बनाया था.

इसके बाद पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान जारी किया था कि ‘ईरान द्वारा उसके हवाई क्षेत्र के अकारण उल्लंघन’ में दो बच्चे मारे गए और तीन लड़कियां घायल हो गईं.

बुधवार दोपहर बाद पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया और ईरान के प्रतिनिधि को अपने क्षेत्र से निष्कासित कर दिया. इसके अलावा चल रहीं या योजनाबद्ध सभी उच्च-स्तरीय यात्राओं को निलंबित कर दिया है.

पाकिस्तान विदेश कार्यालय की एक प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने संवाददाताओं से कहा था, ‘पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुलाने का फैसला किया है और पाकिस्तान में ईरानी राजदूत, जो वर्तमान में ईरान का दौरा कर रहे हैं, को फिलहाल वापस नहीं लौटने को कहा है.’

इस बीच, ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने दावा किया था कि इस सप्ताह के मिसाइल हमले का लक्ष्य जैश अल-अदल आतंकवादी समूह था, जिसने ​‘पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के कुछ हिस्सों में शरण ले रखी थी.’

जैश अल-अदल, जिसे पहले जुंदल्लाह के नाम से जाना जाता था, को 2010 में अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा एक आतंकवादी समूह के रूप में भी नामित किया गया था. इसे ईरान-पाकिस्तान सीमा से संचालित ​‘सबसे सक्रिय और प्रभावशाली​’ सुन्नी आतंकवादी समूह माना जाता है.