मणिपुर में ताज़ा हिंसा के बीच पड़ोसी राज्य मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदोहुमा ने कहा है कि भारत सरकार, मणिपुर सरकार और आदिवासी नेताओं के बीच एक समाधान होना चाहिए. हर बात गृह मंत्रालय पर निर्भर करता है. देश में कहीं भी परेशानी होने पर हस्तक्षेप करना गृह मंत्रालय की ज़िम्मेदारी है.
नई दिल्ली: मणिपुर में ताजा हिंसा के बीच पड़ोसी राज्य मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, लालदुहोमा ने मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में नॉर्थ-ईस्ट काउंसिल के 71वें पूर्ण सत्र में संवाददाताओं से कहा, ‘हम (राष्ट्रपति शासन) यही उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि यह (हिंसा) बहुत लंबे समय से चल रही है. स्थिति नहीं बदल रही है और कभी-कभी यह बदतर हो जाती है.’
मिजोरम के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भारत सरकार, मणिपुर सरकार और आदिवासी नेताओं के बीच एक समाधान होना चाहिए. हर बात गृह मंत्रालय पर निर्भर करता है.’
मिजोरम ने कुकी जनजाति के सैकड़ों लोगों को आश्रय दिया है, जो हिंसा प्रभावित भाजपा शासित राज्य मणिपुर से आए हैं.
लालदुहोमा ने कहा, ‘भारतीय संविधान में प्रावधान है कि वे देश में कहीं भी बस सकते हैं. जब तक मणिपुर में स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, हम उनकी देखभाल करेंगे. हां, देश में कहीं भी परेशानी होने पर हस्तक्षेप करना गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है.’
उन्होंने कहा, ‘आदिवासी नेताओं और राज्य सरकार के बीच एक समाधान होना चाहिए; इसमें गृह मंत्रालय की मध्यस्थता होनी चाहिए. हमें वहां रहने वाले लोगों की देखभाल करने के अलावा कुछ नहीं करना है.’
पिछले साल 12 दिसंबर को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने मिजोरम समकक्ष लालदुहोमा से कहा था कि वह मणिपुर के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें, बल्कि शांति बहाल करने में समर्थन दें.
पहाड़ी-बहुल कुकी जनजातियों और घाटी-बहुसंख्यक मेइतेई के बीच मणिपुर जातीय तनाव पर लालदुहोमा की टिप्पणियों का हवाला देते हुए बीरेन सिंह ने कहा था कि लालदुहोमा को ऐसे विचार व्यक्त करना बंद करना चाहिए, जो उनके संवैधानिक जनादेश से परे हैं.