बार एसोसिएशन का सीजेआई से अनुरोध- 22 जनवरी को अनुपस्थिति रहने पर कोई प्रतिकूल आदेश न दें

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखते हुए कहा है कि आप निस्संदेह इस उत्सव के महत्व से अवगत हैं, हम विशेष रूप से अनुरोध कर रहे हैं कि किसी भी मामले में किसी भी वकील या वादी की अनुपस्थिति के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़. (स्क्रीनग्रैब साभार: यूट्यूब)

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखते हुए कहा है कि आप निस्संदेह इस उत्सव के महत्व से अवगत हैं, हम विशेष रूप से अनुरोध कर रहे हैं कि किसी भी मामले में किसी भी वकील या वादी की अनुपस्थिति के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए.

(फोटो साभार: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष आदीश सी. अग्रवाल ने रविवार (21 जनवरी) को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि सोमवार को जब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है, किसी भी मामले में वकीलों की अनुपस्थिति के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि वह बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की ओर से आपसे यह अनुरोध करने के लिए पत्र लिख रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट की सभी पीठों को अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के आलोक में 22 जनवरी 2024 को सूचीबद्ध किसी भी मामले में अनुपस्थिति के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न करें.’

अग्रवाल ने कहा, ‘माननीय आप निस्संदेह इस उत्सव के महत्व से अवगत हैं. मेरे कुछ मुस्लिम भाइयों ने भी मुझसे संपर्क किया है और इस दिन छुट्टी घोषित करने का अनुरोध किया है.’

उन्होंने कहा, ‘पर्याप्त संख्या में कार्य दिवस बनाए रखने के महत्व को स्वीकार करते हुए हम विशेष रूप से अनुरोध कर रहे हैं कि किसी भी मामले में किसी भी वकील या वादी की अनुपस्थिति के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए.’

अग्रवाल ने कहा, ‘भले ही मुख्य प्रार्थनाएं अयोध्या में हों, लेकिन इसके साथ ही न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के मंदिरों में समारोह होंगे. उत्सव सुबह जल्दी शुरू होगा और देर शाम तक जारी रहेगा.’

उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि कई माननीय न्यायाधीशों और वरिष्ठ कानून अधिकारियों को अयोध्या में आमंत्रित किया गया है और वे भी प्रार्थना में भाग ले सकते हैं.’

अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार सहित अधिकांश राज्य सरकारों ने नागरिकों को इस प्रार्थना समारोह में भाग लेने का अवसर प्रदान करने के लिए आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है और सीजेआई से ‘अनुरोध करते हैं कि वे सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को परामर्श जारी करें.’

इससे पहले बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बीते 17 जनवरी को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर देश की सभी अदालतों में छुट्टी देने का अनुरोध किया था.

इस बीच अयोध्या में राम मंदिर का प्रतिष्ठा समारोह सोमवार (22 जनवरी) को संपन्न हो गया. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी कई अन्य गणमान्य व्यक्ति इस दौरान मौजूद रहे.