राजस्थान के शिक्षा विभाग के इस आदेश का विरोध करते हुए कहा कि इससे उन पर ग़ैर-शैक्षणिक काम का बोझ बढ़ जाएगा. राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा कि शुरुआत में सभी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना के दौरान सूर्य नमस्कार अनिवार्य होगा और 15 फरवरी के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा.
नई दिल्ली: राजस्थान के शिक्षा विभाग ने मंगलवार (23 जनवरी) रात एक आदेश जारी कर राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 15 फरवरी तक सूर्य नमस्कार अनिवार्य कर दिया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि शुरुआत में सभी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना के दौरान सूर्य नमस्कार अनिवार्य होगा और 15 फरवरी के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा.
शिक्षकों ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि इससे उनके गैर-शैक्षणिक कार्य बढ़ जाएंगे और छात्रों का कक्षा का समय और कम हो जाएगा.
राज्य के माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी के आदेश के अनुसार, सभी स्कूलों में सूर्य सप्तमी (15 फरवरी) पर छात्रों से सूर्य नमस्कार कराया जाएगा. विभाग 15 फरवरी से पहले छात्रों और शिक्षकों को सूर्य नमस्कार का प्रशिक्षण देगा.
सबसे पहले शिक्षकों और छात्रों को योग विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा. फिर 15 फरवरी को विद्यार्थियों के अभिभावक, ग्रामीण और जन प्रतिनिधि इस अभियान से जुड़ेंगे.
शिक्षा विभाग ने अधिकारियों को उसी दिन दोपहर 2 बजे शाला दर्पण पोर्टल पर सूर्य नमस्कार करने वाले छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों, स्थानीय जन प्रतिनिधियों और आम जनता की जानकारी दर्ज करने का भी निर्देश दिया है, जिसे बाद में विश्व रिकॉर्ड मान्यता के लिए भेजा जाएगा.
आदेश में कहा गया है कि स्कूलों में लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग प्रैक्टिस होनी चाहिए और छात्रों के स्वास्थ्य और उम्र की पहले से जांच की जानी चाहिए.
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा, ‘एक छात्र को हर दिन सुबह की प्रार्थना के बाद सूर्य नमस्कार का अभ्यास करना चाहिए, क्योंकि हम सूरज की रोशनी के कारण ही सब कुछ कर पाते हैं. सूर्य सप्तमी पर एक बड़ा कार्यक्रम होगा, जो लोगों को व्यायाम करने के लिए प्रेरित करेगा.’