राजस्थान के कोटा में अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की तैयारी कर रहे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के एक 19 वर्षीय छात्र 23 जनवरी की देर रात कोटा में अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाया गया. इस साल शहर में किसी कोचिंग छात्र द्वारा आत्महत्या का यह पहला मामला है. 2023 में करीब 26 छात्रों ने आत्महत्या की थी.
नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा शहर में अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का एक 19 वर्षीय छात्र मंगलवार (23 जनवरी) देर रात कोटा में अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाया गया.
इस साल शहर में किसी कोचिंग छात्र द्वारा आत्महत्या का यह पहला मामला है. साल 2023 में करीब 26 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई थी. पिछले वर्ष आत्महत्याओं की संख्या 2015 के बाद से सबसे अधिक थी, जब प्रशासन ने पहली बार ऐसी मौतों का रिकॉर्ड संकलित करना शुरू किया था.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) भवानी सिंह ने कहा कि छात्र पिछले दो वर्षों से कोटा में पढ़ रहा था और दूसरी बार राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (स्नातक) या एनईईटी/नीट की तैयारी कर रहा था.
उन्होंने बताया कि छात्र का कमरा मंगलवार सुबह से ही अंदर से बंद था. सिंह ने कहा, ‘जब उसने शाम तक दरवाजा नहीं खोला, तो उसके एक दोस्त ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. दोस्तों ने फिर पुलिस को सूचित किया, जिन्होंने दरवाजा तोड़ने के बाद शव को पंखे से लटका हुआ पाया.’
पुलिस ने कहा कि कोई नोट बरामद नहीं हुआ और छात्र के माता-पिता को सूचित कर दिया गया है.
सिंह ने कहा, ‘हम जांच कर रहे हैं कि क्या छात्र के व्यवहार में कोई बदलाव आया था और हॉस्टल ने दिशानिर्देशों के अनुसार छत के पंखों में स्प्रिंग-लोडेड डिवाइस क्यों नहीं लगाया था.’
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक की पहचान मोहम्मद ज़ैद के रूप में हुई है. वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का रहने वाला था और कोटा के जवाहर नगर इलाके में एक हॉस्टल में रहता था.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वर्ष 2023 में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 छात्रों ने आत्महत्या की थी, जो 2015 के बाद से सबसे अधिक है.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में 7, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की मौत आत्महत्या से हुई है. 2020 और 2021 में छात्रों की आत्महत्या का कोई मामला सामने नहीं आया था, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण कोचिंग संस्थान बंद हो गए थे या ऑनलाइन मोड पर चल रहे थे.