23 जनवरी को पुणे में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) परिसर में बाबरी मस्जिद विध्वंस पर बनी एक फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर हिंदुत्ववादी संगठनों के सदस्यों द्वारा छात्रों पर हमला करने की ख़बर आई थी. बताया गया है कि उन लोगों ने ‘रिमेंबर बाबरी’ लिखे एक बैनर को भी जलाया था.
नई दिल्ली: साल 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के खिलाफ लगाए गए बैनर को लेकर हिंदुत्ववादी संगठनों के सदस्यों द्वारा पुणे स्थित भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान पर हमला करने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
द वायर ने एक रिपोर्ट में बताया था कि यह घटना मंगलवार 23 जनवरी को हुई थी. इससे एक दिन पहले देश के प्रधानमंत्री द्वारा अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस वाले स्थान पर एक भव्य राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी.
एफटीआईआई परिसर में एक बैनर- जिसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर कई बार साझा की गई है– में लिखा है, ‘रिमेंबर बाबरी, डेथ ऑफ कॉन्स्टिट्यूशन।’ (बाबरी को याद रखें, संविधान की मौत, एफटीआईआई छात्र संघ.)
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैनर को हिंदुत्व संगठनों के सदस्यों ने आग लगाई थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सदस्यों ने कथित तौर पर छात्रों से यह भी पूछा कि वे ‘एंटी-नेशनल’ क्यों हैं.
घटना के बाद छात्र संघ द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, संघ के अध्यक्ष मनकप नोकवोहम पर हिंदुत्ववादी गुंडों द्वारा ‘हिंसक हमला किया गया और बेरहमी से पीटा गया.’ बयान में दावा किया गया कि हमले में उनके कपड़े फट गए और उन्हें कई गंभीर चोटें आईं.
पुलिस ने बताया है कि बैनर को दक्षिणपंथी हिंदुत्व संगठनों के सदस्यों ने आग लगा दी थी. घटना के बाद परिसर के अंदर और बाहर भारी पुलिस तैनाती की गई. पुलिस ने दंगा नियंत्रण वैन और रैपिड एक्शन फ़ोर्स को भी तैनात किया.
डेक्कन जिमखाना थाने के एक पुलिसकर्मी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हमारी जानकारी से यह भी पता चलता है कि परिसर में बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मुद्दे के इतिहास से संबंधित एक फिल्म की स्क्रीनिंग और तस्वीरों की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी.’
डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता आनंद पटवर्धन की फिल्म ‘राम के नाम’ इस समय विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शित की गई है.
एफटीआईआई सुरक्षा अधिकारी की शिकायत के आधार पर परिसर में प्रवेश करने वाले 12 से 15 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
एक अधिकारी ने कहा, ‘जांच से पता चला है कि समूह के सदस्य एक संगठन से नहीं बल्कि पुणे स्थित कई हिंदुत्व दक्षिणपंथी समूहों से संबंधित हैं. हम उन सभी व्यक्तियों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं जो समूह का हिस्सा थे.’
उधर, हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि छात्रों ने उन पर हमला किया. जिन समूहों के सदस्य एफटीआईआई गए थे, उनमें से एक ‘समस्त हिंदू बांधव’ भी था.
समस्त हिंदू बांधव के सदस्य प्रवीण पडवाल, जो संस्थान में गए समूह का हिस्सा थे, ने कहा, ‘एफटीआईआई छात्रों ने बैनर पर जो लिखा था वह भारत के खिलाफ था. हम उनसे बैनर हटाने के लिए कह रहे थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसलिए हमें इसे नीचे खींचकर जलाना पड़ा.’