नगालैंड के वोखा ज़िले में एक ‘रैट-होल’ कोयला खदान में हुआ हादसा. पुलिस के अनुसार, खदान में किसी भी सुरक्षा उपाय का पालन नहीं किया जा रहा था. ज़िले के रुचानियां गांव में हुई इस घटना के वक्त अग्निशमन यंत्र भी उपलब्ध नहीं थे. मृतक असम के गोलाघाट ज़िले के विभिन्न गांवों से थे, जो नगालैंड सीमा पर स्थित हैं.
नई दिल्ली: नगालैंड के वोखा जिले में एक ‘रैट-होल’ कोयला खदान के अंदर आग लगने से छह लोगों की जलकर मौत हो गई और चार घायल हो गए. ये घटना बीते 25 जनवरी को है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आग लगने का सही कारण पता नहीं चल पाया है. इसमें कहा गया है कि अधिकारियों को संदेह है कि रिसाव के कारण जनरेटर में विस्फोट हुआ, जबकि कुछ स्थानीय लोगों ने दावा किया कि खदान से निकली गैस के कारण आग लगी.
अखबार ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से कहा है कि खदान में किसी भी सुरक्षा उपाय का पालन नहीं किया जा रहा था. जिले के रुचानियां गांव में हुई इस घटना के वक्त अग्निशमन यंत्र भी उपलब्ध नहीं थे. मृतक असम के देवीपुर, सोनापुर और दयालपुर गांवों के थे, जो असम-नगालैंड सीमा पर गोलाघाट जिले में स्थित हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स ने कहा है कि इस संबंध में दो लोगों (खदान के मालिकों) को गिरफ्तार कर लिया गया है.
द हिंदू के अनुसार, नगालैंड के विधायक अचुम्बेमो किकोन ने एक स्थानीय टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘यह मेरे निर्वाचन क्षेत्र में पहली कोयला खदान दुर्घटना नहीं है और अगर सरकार वैज्ञानिक खनन के लिए कड़े कदम नहीं उठाती है तो यह आखिरी भी नहीं होगी.’
नगा पीपुल्स फ्रंट के विधायक किकोन ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में अवैध खनन बड़े पैमाने पर चल रहा है और उन्होंने ‘अवैध खनन’ को रोकने के लिए नगालैंड सरकार, विशेष रूप से भूविज्ञान और खनन विभाग के साथ चिंता जताई है.
उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार को एहतियाती कदम उठाने चाहिए ताकि उचित दिशानिर्देशों का पालन किया जा सके और कोयले को वैज्ञानिक तरीके से निकाला जा सके, जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो, वरना सिस्टम ध्वस्त हो जाएगा.’
रैट-होल खनन – खदान में संकरी सुरंगों के जरिये कोयला निकालने की एक विधि है. राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के 2014 के आदेश के अनुसार यह भारत में प्रतिबंधित है, क्योंकि इसमें शामिल जोखिमों के कारण खनिकों की मौत हो रही है. हालांकि, इसके बावजूद यह अवैध तरीके से संचालित हो रहा है. 2018 में मेघालय में इसी तरह की एक घटना में 15 खनिक मारे गए थे.
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