बंगाल: ममता बनर्जी ने बीएसएफ पर सीमावर्ती इलाकों में अलग पहचान पत्र देने का आरोप लगाया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आरोप है कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सीमावर्ती इलाकों में रहने वालों को अलग पहचान पत्र देना चाहता है. उन्होंने लोगों से कार्ड लेने से इनकार करने की कहते हुए दावा किया कि जो लोग कार्ड लेंगे, वो एनआरसी के तहत राज्य से बाहर कर दिए जाएंगे.

ममता बनर्जी. (फोटो साभार: फेसबुक)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आरोप है कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सीमावर्ती इलाकों में रहने वालों को अलग पहचान पत्र देना चाहता है. उन्होंने लोगों से कार्ड लेने से इनकार करने की कहते हुए दावा किया कि जो लोग कार्ड लेंगे, वो एनआरसी के तहत राज्य से बाहर कर दिए जाएंगे.

ममता बनर्जी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सीमावर्ती इलाकों में रहने वालों को अलग पहचान पत्र देना चाहता है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने लोगों से कार्ड लेने से इनकार करने को कहते हुए दावा किया कि लोगों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के तहत उन्हें देश से बाहर निकाला जा सकता है.

उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग कार्ड लेंगे वे राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के तहत आएंगे और राज्य से बाहर कर दिए जाएंगे.

ममता बनर्जी ने कहा कि बीएसएफ लोगों पर अत्याचार कर रही है. बीएसएफ सीमावर्ती इलाकों में लोगों को अलग पहचान पत्र देना चाहती है.

उन्होंने कहा, ‘याद रखें, सीमा क्षेत्र में प्रवेश करने पर बीएसएफ जो अलग पहचान पत्र देना चाहती है, उसे लेकर न जाएं, कहें कि मेरे पास आधार कार्ड या राशन कार्ड है. कहो कि हम आपका कार्ड नहीं लेंगे. अगर आप वो कार्ड लेते हैं, तो आप एनआरसी के तहत आएंगे और वे आपको बाहर निकाल देंगे.’

उन्होंने कहा, ‘कृपया अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराएं. ताकि दिल्ली को आपको राज्य से बाहर करने का मौका न मिल सके.’

ममता की यह टिप्पणी केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के रविवार को उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) एक सप्ताह में पूरे भारत में लागू किया जाएगा.

ठाकुर ने रविवार को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में एक सार्वजनिक रैली के दौरान कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा हुई है और अगले सात दिनों के भीतर सीएए पूरे देश में लागू किया जाएगा. ये मेरी गारंटी है. सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही नहीं, सीएए एक सप्ताह के भीतर भारत के हर राज्य में लागू किया जाएगा.’

उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा हमेशा किसी भी चुनाव से पहले सीएए का मुद्दा उठाती है.  ममता ने कहा कि उन्होंने एनआरसी के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. राजबंशी भारत के नागरिक हैं. भाजपा ने वोट के लिए फिर से सीएए, सीएए चिल्लाना शुरू कर दिया है. उन्होंने जोड़ा कि उनकी सरकार ने सभी कॉलोनियों को ‘स्थायी पते’ के रूप में स्वीकार किया है और राज्य सरकार के विभिन्न लाभों का लाभ पाने वाले सभी निवासी देश के नागरिक हैं.

मालूम हो कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लाए गए सीएए के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का शिकार रह चुके उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई) को भारतीय नागरिकता प्रदान करना चाहती है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे.

सीएए को दिसंबर 2019 में भारत की संसद द्वारा पारित किया गया था और बाद में राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई. हालांकि, मुस्लिम संगठनों और समूहों ने धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया और इसका विरोध किया.

इस क़ानून के बनने के बाद देशभर में महीनों तक विरोध प्रदर्शनों का दौर चला था, जो कोविड-19 महामारी के कारण थम गया. क़ानून को आलोचकों द्वारा मुस्लिम विरोधी और असंवैधानिक बताया जाता रहा है.